Potka Blood Donation: युवाओं के जोश ने बचाई जिंदगियां, जानिए कैसे बनी यह अनूठी पहल!

पोटका में शौर्य यात्रा समिति द्वारा पंचम रक्तदान शिविर का आयोजन, युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। जानिए, कैसे इस पहल से लोगों की जिंदगियां बचाई जा रही हैं!

Feb 23, 2025 - 17:28
Feb 23, 2025 - 17:28
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Potka Blood Donation: युवाओं के जोश ने बचाई जिंदगियां, जानिए कैसे बनी यह अनूठी पहल!
Potka Blood Donation: युवाओं के जोश ने बचाई जिंदगियां, जानिए कैसे बनी यह अनूठी पहल!

क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ 15 मिनट का समय देकर आप किसी की जिंदगी बचा सकते हैं? पोटका में शौर्य यात्रा समिति की ओर से आयोजित पंचम रक्तदान शिविर में युवाओं ने यही कर दिखाया! यह कोई साधारण शिविर नहीं था, बल्कि जरूरतमंदों की जिंदगी बचाने का संकल्प था, जिसमें युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। आइए जानते हैं, इस आयोजन की खास बातें और यह कैसे लोगों की जान बचाने में मददगार बना।

रक्तदान शिविर में युवाओं का जोश, जरूरतमंदों को मिलेगा जीवनदान!

शौर्य यात्रा समिति द्वारा आयोजित पंचम स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में युवाओं का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। BBDIA (भीबीडीए) के सहयोग से हुए इस आयोजन में जिले के सैकड़ों युवाओं ने रक्तदान किया। कार्यक्रम के दौरान पूर्व सिविल सर्जन डॉ. ए. के. लाल, सीएससी प्रभारी डॉ. रजनी महाकुड़, जिला परिषद सदस्य सूरज मंडल और पूर्णिमा मलिक जैसे कई सम्मानित अतिथि उपस्थित रहे।

इस शिविर का उद्देश्य सिर्फ रक्तदान करना नहीं, बल्कि समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाना भी था। समिति के अध्यक्ष सूरज कुमार साहू और पूर्व अध्यक्ष सूरज मंडल ने बताया कि, "हमारा मुख्य लक्ष्य यही है कि रक्त की कमी से किसी की जान न जाए। जरूरतमंदों को सही समय पर रक्त उपलब्ध करवाना ही हमारी प्राथमिकता है।"

इतिहास से सीख: रक्तदान से बनीं कई प्रेरणादायक कहानियां

क्या आप जानते हैं? भारत में सबसे पहला स्वैच्छिक रक्तदान 1942 में कोलकाता में हुआ था, जब द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों को रक्त की जरूरत पड़ी थी। तब से लेकर आज तक, लाखों लोग रक्तदान कर अनगिनत जिंदगियों को बचा चुके हैं।

रक्तदान को लेकर कई भ्रांतियां भी हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि रक्तदान से शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि यह रक्त संचार को और बेहतर बनाता है। इसीलिए, शौर्य यात्रा समिति हर साल रक्तदान शिविर आयोजित कर इसे समाज की एक मजबूत परंपरा बनाने का प्रयास कर रही है

युवाओं ने दिखाया जज्बा, रक्तदान के लिए उमड़ी भीड़!

इस आयोजन की सबसे खास बात यह रही कि आसपास के दर्जनों गांवों के युवाओं ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। लोगों में इस शिविर को लेकर जबरदस्त उत्साह था। कुछ युवा पहली बार रक्तदान करने आए थे, तो कुछ ऐसे भी थे जो पहले से ही नियमित रक्तदाता हैं

शिविर में शामिल प्रमुख नामों में सनत मंडल, मृणाल पाल, सामोल प्रधान, अमृत गोप, राजकुमार साहू, पिंटू पुराण, राजा गुप्ता, रमेश मादक, घनश्याम मंडल, पोल्टु मंडल, संजय कुंडू, राजीव गुप्ता, महेश साहू आदि शामिल रहे।

जरूरतमंदों को समय पर रक्त मिलना सबसे बड़ा लक्ष्य!

शौर्य यात्रा समिति के सदस्य प्रणय खांडायत ने बताया कि, "यह हमारा पांचवा रक्तदान शिविर है और हर साल हम इसी तरह रक्तदान का आयोजन करते रहेंगे। हमारा एक ही उद्देश्य है कि रक्त की कमी से कोई भी मरीज अस्पताल में दम न तोड़े।"

शिविर के दौरान डॉक्टरों की टीम भी पूरी तरह से मुस्तैद रही। डॉ. रजनी महाकुड़ ने बताया कि, "रक्तदान से किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं आती, बल्कि यह शरीर के लिए फायदेमंद होता है।"

रक्तदान को लेकर क्यों जरूरी है जागरूकता?

भारत में हर साल करीब 12 मिलियन यूनिट रक्त की जरूरत होती है, लेकिन दान केवल 9 मिलियन यूनिट ही होता है।
हर दो सेकंड में किसी न किसी को रक्त की जरूरत पड़ती है, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण मरीजों को समय पर रक्त नहीं मिल पाता।
अगर भारत की युवा पीढ़ी आगे आए, तो किसी को भी रक्त की कमी से अपनी जान नहीं गंवानी पड़ेगी।

आगे की योजना: हर गांव में रक्तदान शिविर लगाने की योजना!

शौर्य यात्रा समिति अब आगे और भी बड़े स्तर पर रक्तदान शिविर लगाने की योजना बना रही है। अगले वर्ष तक वे जिले के हर गांव में शिविर आयोजित करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।