दान और अन्याय पर कविता | DVC | Irregular Electricity Distribution

दान और अन्याय पर कविता | DVC | Irregular Electricity Distribution

Jun 19, 2024 - 17:52
Jun 22, 2024 - 18:31
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दान और अन्याय पर कविता | DVC | Irregular Electricity Distribution
मेरा नया योगा मैट चुनने का राहुल योगा को बदल दिया!

दान और अन्याय पर कविता

जो दान दया की तू देते हो, उसका मूल्य चुकाने से।
हे DVC क्या मानवता मिट गई है, गर्मी आने से॥

दिन को गर्मी मरे सबको, रात को तुम देते हो मार,
बिल भुगतान जो किया नहीं, उसका भी होता यही हाल।
मेरे पैसों से पालते हो, मेरी सुविधा नहीं करते हो,
मुँह उठाकर आ जाते हो, पैसा लेके भी जाते हो॥

गर्मी के थपेड़े दिनभर, रात में अंधकार की मार,
बिना बिजली की जीवनरेखा, कब तक सहेगा यह परिवार।
बिल चुकाने की मजबूरी, फिर भी सुविधा का अभाव,
कहाँ गई वो मानवता, जो थी कभी समाज की नाव॥

जो दान दया की तू देते हो, उसका मूल्य चुकाने से।
हे DVC क्या मानवता मिट गई है, गर्मी आने से॥

दया और दान की बातें, सिर्फ किताबों में रह गईं,
जमीनी हकीकत से दूर, हमारी उम्मीदें बह गईं।
पैसों से तुम फलते-फूलते, फिर भी देते नहीं आराम,
क्या यही है इंसानियत, क्या यही है तुम्हारा काम?

समय की यह पुकार है, जागो अब होश में आओ,
मानवता को फिर से जी उठाओ, अपनी नीति सुधारो।
न्याय और सेवा की राह पर, फिर से चलने का वादा करो,
अपने कर्मों से सिद्ध करो, कि तुम भी इंसानियत का हिस्सा हो।

धर्मबीर सिंह मुंबई

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।