Patmada Chaos: सिरफिरे युवक ने मचाई दहशत, कुएं में कूदकर बढ़ाई परेशानी
पटमदा थाना क्षेत्र के लावा गांव में 25 वर्षीय युवक समीर गोराई ने रविवार को मचाया हड़कंप, शराब और नशे के कारण मानसिक स्थिति बिगड़ी, कुएं में छलांग लगाकर लोगों को किया हैरान।
1 दिसंबर 2024: रविवार की सुबह, पटमदा थाना क्षेत्र के लावा गांव में एक अप्रत्याशित घटना ने गांववासियों को हक्का-बक्का कर दिया। यह घटना एक सिरफिरे युवक से संबंधित है, जिसने अचानक उत्पात मचाना शुरू कर दिया। घटना की शुरुआत सुबह 8 बजे हुई जब युवक ने अपनी हरकतों से पूरे गांव को परेशान कर दिया। लगभग दो घंटे तक गांववाले उसकी करतूतों के शिकार बने रहे।
नशे का शिकार समीर गोराई
घटना की जानकारी मिलने पर ग्राम प्रधान वृंदावन दास मौके पर पहुंचे और उन्होंने मामले की पूरी जानकारी ली। बताया गया कि युवक पश्चिम बंगाल के कड़मो गांव का निवासी है, और उसका नाम समीर गोराई है। समीर की उम्र लगभग 25 साल है। उसने अपने पिता के साथ जमशेदपुर में रहकर मजदूरी का काम किया था, लेकिन शराब और अन्य मादक पदार्थों के सेवन की वजह से उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई थी।
सवारी वाहन से छलांग, घर में घुसकर उत्पात
समीर ने अपनी अजीबोगरीब हरकतों की शुरुआत तब की जब वह जमशेदपुर से अपने घर लौट रहा था। रास्ते में जल डहर पेट्रोल पंप के पास उसने एक सवारी वाहन से अचानक छलांग लगाई। इसके बाद वह लावा के राहेरडीह टोला में स्थित एक घर में घुसकर उत्पात मचाने लगा। जब घर के लोगों ने उसे बाहर भगाने की कोशिश की, तो उसने बिना किसी झिझक के बगल में स्थित सिंचाई कुएं में छलांग लगा दी।
गांववालों की मदद और पुलिस की कार्रवाई
मौके पर मौजूद गांववासियों ने उसकी स्थिति देखी और उसे कुएं से बाहर निकालने की कोशिश की। एक व्यक्ति ने उससे पूछताछ की और मदद करने का प्रयास किया, लेकिन समीर ने उसे गालीगलौच कर उत्तर दिया और पुनः कुएं में कूद गया। इस दौरान आसपास के लोग हतप्रभ रह गए, और मामला गंभीर हो गया।
पटमदा पुलिस ने सूचना मिलने के बाद तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर समीर को कुएं से बाहर निकाला और थाने ले आई। ग्राम प्रधान वृंदावन दास और बड़ी संख्या में गांववाले वहां मौजूद थे।
ऐसी घटनाओं का इतिहास
पटमदा जैसे छोटे गांवों में ऐसी घटनाएं कई बार घटित होती रही हैं, जहां नशे के आदी लोग अपने मानसिक असंतुलन के कारण हिंसात्मक या अराजक व्यवहार करते हैं। यह घटना दर्शाती है कि समाज में नशे की बढ़ती लत और इसकी मानसिक स्वास्थ्य पर असर की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
समाज के लिए एक चेतावनी
समीर की घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि नशे की आदतें न केवल व्यक्ति की स्थिति को प्रभावित करती हैं, बल्कि पूरे समाज में भय और अशांति भी पैदा कर सकती हैं। यह समय है कि समाज और सरकार मिलकर ऐसी समस्याओं के लिए ठोस कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
यह घटना निश्चित रूप से एक चेतावनी है कि नशे की आदतें और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी करना खतरनाक हो सकता है। पटमदा जैसे स्थानों पर ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए समुदाय और प्रशासन को मिलकर काम करना आवश्यक है।
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