Palamu Accident: पलामू में अनियंत्रित कमांडर जीप ने ली बुजुर्ग की जान, चालक फरार!
पलामू जिले के पाटन में कमांडर जीप के पलटने से एक बुजुर्ग की मौत, चालक फरार। क्या पुल के निर्माण की कमी के कारण बार-बार हो रहे हैं हादसे?

पलामू: जिले के पाटन थाना क्षेत्र में एक भयानक सड़क हादसा हुआ, जिसमें 70 वर्षीय बुजुर्ग मुसाफिर साव की मौत हो गई। घटना की वजह से इलाके में सनसनी फैल गई, और सवाल उठने लगे हैं कि क्या सड़क की खराब स्थिति इस हादसे के लिए जिम्मेदार है। हादसे के बाद चालक फरार हो गया, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह दुर्घटना कुंवरबांध के पास घटी, जब कमांडर जीप अनियंत्रित होकर पलट गई।
क्या हुआ था उस दिन?
मंगलवार को कुंदरी-बैदाकला मुख्य मार्ग पर जब कमांडर जीप कुंवरबांध के पास पहुंची, तो चालक ने उसे नियंत्रण में नहीं रखा। पहले जीप ने एक बिजली के पोल में टक्कर मारी और फिर पलट गई। इस हादसे में जीप में सवार मुसाफिर साव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वह लातेहार जिले के मनिका थाना क्षेत्र के बरवइया गांव के निवासी थे और रिश्तेदार के शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे।
घटना की सच्चाई जानने के बाद दिल दहल जाएगा!
मुसाफिर साव अपने नाती के साथ लामीपतरा से सिरमा जा रहे थे, जहां एक शादी में उन्हें शामिल होना था। जैसे ही वे कुंवरबांध पहुंचे, कमांडर जीप ने अचानक नियंत्रण खो दिया और हादसा हो गया। घटनास्थल पर पहुंचने वाले पुलिस अधिकारी आनंद राम ने बताया कि जीप के चालक ने पुल के ऊपर से कूदने की कोशिश की, जिसके बाद यह हादसा हुआ।
चालक का नशे में होना, क्या यह हादसा रोक सकता था?
पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि चालक नशे में था। यह भी बताया गया कि कमांडर जीप पुल के पास से कूदने के बाद अनियंत्रित हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ऑटो में सवार परीक्षा के छात्र भी अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे थे, और यह हादसा उनके सामने हुआ।
क्या दुर्घटनाओं का सिलसिला नहीं थम रहा?
यह घटना कुंवरबांध पुल के पास हुई है, जो पहले भी कई सड़क हादसों का गवाह बन चुका है। पाटन पश्चिमी के जिला परिषद सदस्य जयशंकर सिंह ने इस पुल को सड़क निर्माण की खराब गुणवत्ता का दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि बैदाकला से कुंदरी तक सड़क का निर्माण ठीक से नहीं हुआ है, और पुल की ऊंचाई सड़क से ज्यादा होने की वजह से गाड़ियां यहां जंप करती हैं, जिससे वे अनियंत्रित हो जाती हैं। यही कारण है कि पुल पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं।
क्या इसके बाद भी कोई सबक लिया जाएगा?
सिंह के मुताबिक, पुल के पास बार-बार हो रही दुर्घटनाओं से अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या सड़क निर्माण में सुधार किया जाएगा? क्या सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाएगा ताकि खतरनाक हादसों से बचा जा सके? हाल के दिनों में इस पुल पर यह पांचवीं दुर्घटना थी, और इन दुर्घटनाओं में चार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अब तक, प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, लेकिन अगर जल्द सुधार नहीं हुआ, तो यह सिलसिला रुकने वाला नहीं है।
सवालों के घेरे में सड़क निर्माण और प्रशासन
इस हादसे ने एक बार फिर सड़क निर्माण की गुणवत्ता और प्रशासन की लापरवाही को सवालों के घेरे में ला दिया है। क्या प्रशासन इस मामले में सख्त कदम उठाएगा या यह सिर्फ एक और सड़क दुर्घटना की तरह अनदेखा कर दिया जाएगा?
इस घटना से जुड़े गवाहों के बयान, पुलिस की जांच और सड़क सुधार पर विचार करना बेहद जरूरी है। क्या इस पुल को सुरक्षित बनाने के लिए कोई सुधार होगा, या फिर इस हादसे को भी सिर्फ एक दुर्घटना के रूप में ही देख लिया जाएगा?
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