Nimdih Tragedy : अवैध शराब सप्लायर की सड़क हादसे में मौत! टाटा-पुरुलिया हाईवे पर ट्रेलर ने रौंदा
सरायकेला-खरसावां के जुगीलोंग गांव के बीरबल गोराई उर्फ़ मांगुर की टाटा-चांडिल-पुरुलिया मुख्य सड़क पर ट्रेलर की टक्कर से मौके पर ही मौत हो गई। मृतक अवैध महुआ शराब की सप्लाई का धंधा करता था। हादसे के बाद चालक फरार; सड़क सुरक्षा और अवैध धंधे पर चिंता।

सरायकेला खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर एक बेहद दर्दनाक सड़क दुर्घटना हुई, जिसने एक परिवार को उजाड़ने के साथ-साथ एक गंभीर सामाजिक समस्या को भी सामने ला दिया है। जुगीलोंग गांव के रहने वाले बीरबल गोराई उर्फ़ मांगुर (Birbal Gorai) की टाटा-चांडिल-पुरुलिया मुख्य सड़क पर एक तेज रफ्तार ट्रेलर की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई।
भारतीय सड़कों पर तेज रफ्तार और लापरवाही से होने वाले हादसे हर साल हजारों जिंदगियां छीन लेते हैं, और यह घटना उसी त्रासदी का एक और काला अध्याय है। लेकिन इस दुर्घटना ने न केवल सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़ा किया है, बल्कि मृतक के अवैध व्यवसाय ने गांव में एक नई चिंता भी पैदा कर दी है।
रघुनाथपुर जाते समय हुआ भयावह हादसा
घटना शुक्रवार दोपहर की है। बीरबल गोराई अपनी मोटरसाइकिल (नंबर JH 09 F 4576) पर सवार होकर रघुनाथपुर की ओर जा रहे थे। जब वे टाटा-चांडिल-पुरुलिया मुख्य सड़क पर थे, तभी पुरुलिया से टाटा की ओर जा रहे एक ट्रेलर ने उन्हें पीछे से जबरदस्त टक्कर मार दी।
टक्कर की तीव्रता इतनी भयानक थी कि बीरबल गोराई को संभलने का मौका तक नहीं मिला। उनके सिर पर गंभीर चोटें आईं और वह खून से लथपथ हालत में सड़क पर पड़े रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के पहुंचने से पहले ही ट्रेलर चालक मौके से भाग गया, जो एक बार फिर 'हिट एंड रन' की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है।
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दुर्भाग्यपूर्ण प्रयास: ग्रामीणों ने तुरंत एक एम्बुलेंस को बुलाया और उन्हें एमजीएम अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन यह प्रयास व्यर्थ रहा, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अवैध कारोबार और परिवार का शोक
इस दुर्घटना से जुगीलोंग गांव और परिवार में गहरा शोक है। बीरबल गोराई की दर्दनाक मौत से परिजन और ग्रामीण स्तब्ध हैं।
सूत्रों के अनुसार, मृतक बीरबल गोराई गांव में देशी महुआ शराब की सप्लाई का व्यवसाय करते थे। यह खुलासा न केवल उनके जीवन के जोखिम भरे पहलू को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब का धंधा किस कदर फैला हुआ है। यह अवैध कारोबार कई परिवारों की बर्बादी का कारण बन रहा है।
ग्रामीण और परिजन अब दोहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं:
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सड़क सुरक्षा: मुख्य सड़क पर तेज रफ्तार और लापरवाह ट्रकों पर लगाम लगाने की जरूरत।
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अवैध व्यवसाय: इस दुर्घटना ने गांव में चल रहे अवैध शराब के धंधे के जोखिम और खतरों को भी उजागर कर दिया है।
फिलहाल, नीमडीह थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और फरार ट्रेलर चालक की तलाश में जुट गई है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि जब तक सड़कों पर सुरक्षा नहीं होगी और समाज में अवैध धंधे पनपते रहेंगे, तब तक ऐसी दर्दनाक त्रासदियाँ होती रहेंगी।
आपके विचार से, ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए पुलिस को क्या कदम उठाने चाहिए जो केवल छापेमारी से अलग हों?
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