नजर नजर से - प्रतिभा प्रसाद 'कुमकुम'
रजत और समीर बहुत अच्छे दोस्त थे । एक दिन एक साथ किसी काम से चले जा रहे थे ।......
नजर नजर से
रजत और समीर बहुत अच्छे दोस्त थे । एक दिन एक साथ किसी काम से चले जा रहे थे । तभी उन्हें रोड के किनारे एक कुत्ता दिखाई दिया । उसका मुंह थोड़ा चपटा सा लग रहा था । रजत ने देखते ही कहा कि यह दक्षिण भारतीय प्रजाति का है या उन्हीं के घर का पला हुआ है । समीर ने कहा अच्छा, ऐसा कैसे कह सकते हो ? प्रिय मित्र रजत ।
तभी रोड़ के किनारे थोड़ा और आगे जाने पर मरियल सा कुत्ता आराम तलबी मिजाज में नजर आया । रजत ने उसे भी देखते ही कहा यह बिहारी घर का कुत्ता है खइनी उइनी मार कर चबाया है और अब आराम फरमा रहा है । समीर ने कहा ग़ज़ब करते हो यार कुत्ते पर इतनी शोध परक बात कहाँ से दिमाग में आती है। लगता है पिछले जन्म में तुम्हारे भाई बंधू होंगे ।
रजत थोड़ा खिसियाते चुप रह गया । दोनों चले जा रहे थे तभी रास्ते में उन्हें एक और कुत्ता नजर आया । रजत कुछ बोलता तभी समीर बोल पड़ा । लगता है यह बंगला देश के दंगे से भाग कर आया है । रजत, अच्छा तुम्हें कैसे पता? समीर हँसते हुए, देखो जोर जोर से भौंक भी रहा है और पीछे-पीछे खिसक भी रहा है । अंदर से डरा हुआ है और उपर से बरियारी दिखा रहा है । अब देखो एक और मरियल सा कुत्ता उसके बगल में आ खड़ा हुआ है और हल्के स्वर में भौंकते हुए उसे जोश दिला रहा है अब तो वह जाकर जरूर भिड़ जाएगा वरना भौंकते भौंकते.... पता है न कहाँ जाएगा? अब देखो उसने आँखें भी छोटी कर ली है, मानों उसे किसी के इशारे का इंतजार हो, और दोनों मित्र ठहाका लगाकर हंस पड़ते हैं ।
प्रतिभा प्रसाद 'कुमकुम'
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