नजर नजर से  - प्रतिभा प्रसाद 'कुमकुम'

रजत और समीर बहुत अच्छे दोस्त थे । एक दिन एक साथ किसी काम से चले जा रहे थे ।......

Aug 26, 2024 - 10:55
Aug 26, 2024 - 11:04
 0
 नजर नजर से  - प्रतिभा प्रसाद 'कुमकुम'
 नजर नजर से  - प्रतिभा प्रसाद 'कुमकुम'

 नजर नजर से 

रजत और समीर बहुत अच्छे दोस्त थे । एक दिन एक साथ किसी काम से चले जा रहे थे । तभी उन्हें रोड के किनारे एक कुत्ता दिखाई  दिया । उसका मुंह थोड़ा चपटा सा लग रहा था । रजत ने देखते ही कहा कि यह दक्षिण भारतीय प्रजाति का है या उन्हीं के घर का पला हुआ है । समीर ने कहा अच्छा, ऐसा कैसे कह सकते हो ? प्रिय मित्र रजत ।

         तभी रोड़ के किनारे थोड़ा और आगे जाने पर मरियल सा कुत्ता आराम तलबी मिजाज में नजर आया । रजत ने उसे भी देखते ही कहा यह बिहारी घर का कुत्ता है खइनी उइनी मार कर चबाया है और अब आराम फरमा रहा है ।  समीर ने कहा ग़ज़ब करते हो यार कुत्ते पर इतनी शोध परक बात कहाँ से दिमाग में आती है। लगता है पिछले जन्म में तुम्हारे भाई बंधू होंगे । 
         रजत थोड़ा खिसियाते चुप रह गया । दोनों चले जा रहे थे तभी रास्ते में उन्हें एक और कुत्ता नजर आया । रजत कुछ बोलता तभी समीर बोल पड़ा । लगता है यह बंगला देश के दंगे से भाग कर आया है । रजत, अच्छा तुम्हें कैसे पता?  समीर हँसते हुए, देखो जोर जोर से भौंक भी रहा है और पीछे-पीछे खिसक भी रहा है । अंदर से डरा हुआ है और उपर से बरियारी दिखा रहा है । अब देखो एक और मरियल सा कुत्ता उसके बगल में आ खड़ा हुआ है और हल्के स्वर में भौंकते हुए उसे जोश दिला रहा है अब तो वह जाकर जरूर भिड़ जाएगा वरना भौंकते भौंकते.... पता है न कहाँ जाएगा? अब देखो उसने आँखें भी छोटी कर ली है, मानों उसे किसी के इशारे का इंतजार हो, और दोनों मित्र ठहाका लगाकर हंस पड़ते हैं । 


प्रतिभा प्रसाद 'कुमकुम'

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।