Nawada Election Buzz: निष्पक्ष और शांतिपूर्ण माहौल में नरहट और हिसुआ पैक्स चुनाव संपन्न
नवादा जिले के हिसुआ और नरहट प्रखंडों में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से पैक्स चुनाव संपन्न हुआ। दोनों प्रखंडों में कुल मतदान प्रतिशत 63.34 रहा। जानिए चुनाव की पूरी कहानी।
Nawada Election: शांतिपूर्ण मतदान का उदाहरण बना नरहट और हिसुआ पैक्स चुनाव
नवादा जिले के नरहट और हिसुआ प्रखंडों में आयोजित पैक्स चुनाव ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष माहौल में मतदान का नया उदाहरण पेश किया। रविवार का यह दिन न केवल लोकतंत्र की ताकत का प्रतीक बना, बल्कि इन प्रखंडों के लोगों की जागरूकता और सक्रियता का भी परिचायक रहा।
सुबह 7 बजे से ही दोनों प्रखंडों के मतदान केंद्रों पर लोगों की भीड़ उमड़ने लगी। कुल 37,422 मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करना था, और उनकी भागीदारी ने इसे यादगार चुनाव दिवस बना दिया।
चुनाव की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसकी महत्ता
पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समिति) चुनाव बिहार के ग्रामीण इलाकों में विशेष महत्व रखता है। यह न केवल किसानों और ग्रामीणों के लिए आर्थिक व सामाजिक योजनाओं का प्रबंधन करता है, बल्कि इससे जुड़े पदाधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों की कई विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नवादा के नरहट और हिसुआ प्रखंड पहले भी अपने उच्च मतदान प्रतिशत के लिए जाने जाते रहे हैं। इस बार भी इतिहास खुद को दोहराता नजर आया।
मतदान के दौरान सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम
चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे।
- पीसीसीपी और सेक्टर मजिस्ट्रेट: प्रत्येक मतदान केंद्र पर पीसीसीपी और सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती सुनिश्चित की गई।
- सुरक्षा बलों की मौजूदगी: मतदान केंद्रों पर स्थानीय पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई।
- आधारभूत सुविधाएं: मतदाताओं को सुविधाजनक माहौल प्रदान करने के लिए पीने के पानी, छाया और बैठने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई थी।
इन सब व्यवस्थाओं ने न केवल मतदाताओं का भरोसा बढ़ाया, बल्कि उन्हें मतदान के लिए प्रेरित भी किया।
मतदान प्रतिशत और जनता की भागीदारी
चुनाव के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक:
- नरहट प्रखंड में कुल मतदान प्रतिशत 62.75% रहा।
- हिसुआ प्रखंड ने 63.93% का प्रभावशाली मतदान दर्ज किया।
- दोनों प्रखंडों का औसत मतदान प्रतिशत 63.34% रहा।
यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि ग्रामीण मतदाता न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति जागरूक हैं, बल्कि इसे सही तरीके से निभाने के लिए प्रतिबद्ध भी हैं।
ग्रामीण जागरूकता और चुनावी उत्साह
सुबह से ही मतदान केंद्रों पर पुरुष और महिलाओं की लंबी कतारें देखी गईं। युवा, बुजुर्ग, और महिलाएं – सभी ने चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी इस बार विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।
चुनाव पर विशेषज्ञों की राय
चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि पैक्स चुनाव ग्रामीण इलाकों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पहला कदम है। ऐसे चुनावों में जनता की भागीदारी से स्पष्ट होता है कि ग्रामीण क्षेत्र न केवल अपनी समस्याओं को समझते हैं, बल्कि उनके समाधान के लिए सही प्रतिनिधि चुनने में भी सक्षम हैं।
चुनाव के मुख्य आकर्षण
- शांति और निष्पक्षता का माहौल: चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा या विवाद की खबर नहीं आई।
- मतदाता जागरूकता: ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों का जागरूकता स्तर बढ़ा हुआ दिखा।
- प्रशासन की सटीक योजना: चुनाव को व्यवस्थित और सुगम बनाने के लिए जिला प्रशासन की योजना सराहनीय रही।
लोकतंत्र की जीत का दिन
नरहट और हिसुआ में शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुए चुनाव ने साबित किया कि लोकतंत्र का वास्तविक आधार ग्रामीण क्षेत्रों में है। जब ग्रामीण मतदाता इस प्रकार अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं, तो इससे पूरे देश को प्रेरणा मिलती है।
अब जब चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया है, तो जनता को अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से विकास कार्यों में सक्रियता और पारदर्शिता की उम्मीद है। पैक्स जैसे महत्वपूर्ण संस्थान ग्रामीण अर्थव्यवस्था और विकास में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
नवादा जिले का यह चुनाव न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए एक सकारात्मक संदेश लेकर आया है। यह दर्शाता है कि जब जनता और प्रशासन साथ मिलकर काम करते हैं, तो लोकतंत्र की जड़ें और भी मजबूत होती हैं।
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