Nawada Traffic Jam: वारिसलीगंज बाजार में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान, क्या फिर भी जाम की समस्या रहेगी?
नवादा के वारिसलीगंज बाजार में फुटपाथों पर अतिक्रमण को लेकर अधिकारियों ने अभियान चलाया, लेकिन कुछ ही मिनटों में दुकानदारों ने फिर से जगह घेर ली। जानें पूरी कहानी।
नवादा, 25 दिसंबर 2024: बिहार के नवादा जिले के वारिसलीगंज बाजार में पिछले कई दिनों से अतिक्रमण और जाम की समस्या विकराल रूप ले चुकी थी। बाजार के व्यस्त हिस्से में फुटपाथों पर सजे फल, सब्जी और अन्य सामान की दुकानों के कारण यातायात की समस्या लगातार बढ़ रही थी। इसके समाधान के लिए सोमवार को नगर परिषद के अधिकारियों ने सीओ और पुलिस बल के साथ मिलकर एक बड़ा अभियान चलाया और फुटपाथों से अतिक्रमण हटवाया। लेकिन अधिकारियों के जाते ही दुकानदारों ने फिर से वही स्थान घेर लिया, जिस पर अधिकारियों ने अपने अभियान में दुकानों को हटाया था।
अतिक्रमण अभियान: क्या सफल हुआ प्रशासन का कदम?
सोमवार को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी समीर कुमार चौधरी, सीओ राजेश कुमार, कनीय अभियंता अरुण कुमार, और एसआई पूजा कुमारी की टीम ने जय प्रकाश बैंक से लेकर रेलवे स्टेशन रोड तक के फुटपाथों पर अतिक्रमण हटवाया। इस दौरान 21 दुकानदारों से 7500 रुपये जुर्माना भी वसूला गया। लेकिन जैसे ही अधिकारियों की टीम वापस गई, बाजार में दुकानदारों ने पुनः फुटपाथों पर अपनी दुकानें सजा लीं।
अधिकारियों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब से वार्ड सुपरवाइज़र द्वारा किसी भी दुकानदार का फुटपाथ पर अतिक्रमण करने पर दैनिक रूप से जुर्माना वसूल किया जाएगा और उनका चालान काटा जाएगा।
फुटपाथ अतिक्रमण का समाधान या महज दिखावा?
वारिसलीगंज का जयप्रकाश चौक और आसपास का इलाका सबसे व्यस्त स्थल है। यहां फल-सब्जी विक्रेताओं, ई-रिक्शा, और ठेले पर सामान बेचने वालों का जमावड़ा हमेशा लगा रहता है। इस कारण दिनभर वाहनों की आवाजाही में जाम की समस्या बनी रहती है, खासकर स्कूलों के बच्चों को लेकर जाने वाले वाहन और एंबुलेंस जैसी सेवाओं को भी जाम से भारी परेशानी होती है।
स्थानीय लोग कहते हैं कि जब तक बाजार में बड़े वाहनों पर रोक और अलग सब्जी मंडी का निर्माण नहीं किया जाएगा, तब तक फुटपाथों का अतिक्रमण हटाने की कोई स्थायी हल नहीं निकाला जा सकता।
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी का बयान
इस संबंध में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी समीर कुमार चौधरी ने बताया कि फुटपाथों का अतिक्रमण हटाना जरूरी था और यह अभियान सफल रहा है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि जब तक व्यावसायिक अव्यवस्था पर कड़ा नियंत्रण नहीं किया जाएगा, तब तक अतिक्रमण की समस्या बनी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि दुकानदार पुनः फुटपाथों पर कब्जा करेंगे, तो वार्ड सुपरवाइज़र और वार्ड पार्षद मिलकर उनकी निगरानी करेंगे और जुर्माना वसूल करेंगे।
क्या जाम से मुक्ति संभव है?
वारिसलीगंज बाजार में अतिक्रमण की समस्या लंबे समय से चली आ रही है और इसे हल करने के लिए प्रशासन के प्रयास जारी हैं। अधिकारियों का कहना है कि अगर समय पर कदम उठाए जाते हैं और सभी दुकानदारों को समझाया जाता है, तो फुटपाथों पर अतिक्रमण कम हो सकता है। लेकिन स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों का कहना है कि जब तक सड़क पर बड़े वाहन रोकने के उपाय और सब्जी मंडी जैसी सुविधाएं नहीं बनतीं, तब तक इस समस्या का स्थायी समाधान संभव नहीं हो सकता।
अंततः, यह देखा जाएगा कि नगर परिषद और स्थानीय प्रशासन इस अतिक्रमण मुक्ति अभियान को कितनी गंभीरता से लागू करते हैं और व्यापारियों को इसके पालन के लिए कैसे प्रेरित करते हैं। अगर इस बार यह कदम अस्थायी साबित हुआ, तो आने वाले समय में जाम और अतिक्रमण की समस्या और भी बढ़ सकती है।
प्रशासन का अभियान और लोगों की प्रतिक्रिया
वारिसलीगंज बाजार में अतिक्रमण हटाने का अभियान न केवल ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सड़क की सुरक्षा और स्वच्छता को भी बढ़ावा देता है। हालांकि, अधिकारियों की कोशिशें कड़ी हैं, लेकिन यह देखना होगा कि वे स्थायी समाधान के लिए क्या कदम उठाते हैं और दुकानदारों को कैसे नियंत्रित करते हैं।
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