Nawada Cold: सदर अस्पताल में ठंड का कहर, हीटर गायब, मरीजों के परिजन अलाव के सहारे
नवादा में हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच सदर अस्पताल में ठंड से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं, हीटर गायब, मरीजों के परिजन अलाव के सहारे रात गुजारने को मजबूर।
नवादा (बिहार): नवादा जिले में हाड़ कंपा देने वाली ठंड का कहर जारी है। शीतलहर और गिरते तापमान ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसी ठंड के बीच सदर अस्पताल में ठंड से बचाव की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है। मरीजों और उनके परिजनों को अलाव के सहारे ठंड में रातें गुजारनी पड़ रही हैं, जबकि हीटर जैसी मूलभूत सुविधाएं नदारद हैं।
ठंड का प्रकोप: जानलेवा होती जा रही सर्दी
नवादा में पिछले पांच दिनों से पारा लगातार गिरता जा रहा है। शुक्रवार को जिले का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। घने कोहरे और शीतलहर ने हालात बिगाड़ दिए हैं। कई इलाकों में लोग धूप तक नहीं देख पाए हैं। बुजुर्गों के अनुसार, इतनी कड़ाके की ठंड सालों बाद देखने को मिल रही है।
सदर अस्पताल में ठंड से जूझते मरीज
सदर अस्पताल में ठंड से बचाव के कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। इमरजेंसी वार्ड में हीटर की सुविधा नदारद है। मरीजों के चेहरे पर ठंड की लकीरें साफ झलक रही हैं। अधिकांश मरीज कोल्ड और वायरल इंफेक्शन से पीड़ित हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि नर्सिंग चैंबर में रूम हीटर तो है, लेकिन मरीजों के वार्ड में कोई हीटर नहीं। मरीजों के परिजनों को अस्पताल परिसर में ही अलाव जलाकर रात बितानी पड़ रही है।
ग्रामीण इलाकों में ठंड का असर और बढ़ा
रजौली अनुमंडल और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड का असर और भी घातक हो गया है। कई ग्रामीण परिवार अलाव जलाकर किसी तरह रातें गुजार रहे हैं। सरकारी अलाव की व्यवस्थाएं उंट के मुंह में जीरा जैसी साबित हो रही हैं।
प्रशासनिक लापरवाही उजागर
जिला प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था किए जाने का दावा किया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अस्पताल परिसर में हीटर खराब होने के बावजूद उसे ठीक करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। कोल्ड ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन प्रशासन की नींद टूटी नहीं है।
शहर में ठंड का बढ़ता कहर
- सुबह 12 बजे तक घना कोहरा छाया रहता है।
- सरकारी और निजी कार्यालयों में हाजिरी कम हो गई है।
- बाजारों में ग्राहकों की कमी देखी जा रही है।
- हाईवे पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है।
क्या होना चाहिए उपाय?
- सभी सरकारी अस्पतालों में हीटर और ब्लैंकेट की व्यवस्था हो।
- अलाव जलाने की संख्या बढ़ाई जाए।
- शीतलहर से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
नवादा में ठंड का कहर लगातार बढ़ रहा है। सदर अस्पताल की स्थिति ने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। प्रशासन को चाहिए कि ठंड से बचाव के ठोस उपाय करे, ताकि कोई भी मरीज अलाव के सहारे अपनी जान बचाने को मजबूर न हो।
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