Murli Para: प्रदूषण पर जागरूकता के लिए कार्यक्रम का आयोजन
मुरली पारा मेडिकल रिसर्च कॉलेज में 2 दिसंबर 2024 को "राष्ट्रीय प्रदूषण दिवस" के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जानें, भोपाल गैस त्रासदी और प्रदूषण पर जागरूकता की इस महत्वपूर्ण चर्चा की खास बातें।
2 दिसंबर 2024 को मुरली पारा मेडिकल रिसर्च कॉलेज में "राष्ट्रीय प्रदूषण दिवस" मनाया गया। यह दिन 1984 में भोपाल में हुए भयावह गैस त्रासदी की याद में हर साल मनाया जाता है। उस दिन यूनियन कार्बाइड प्लांट से रिसी "मिथाइल आइसोसाइनेट" गैस के रिसाव से हजारों लोगों की मौत हो गई थी, जिससे प्रदूषण और उसके खतरों के प्रति लोगों में जागरूकता की आवश्यकता महसूस हुई।
प्रदूषण के प्रभाव पर जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम
कार्यक्रम की शुरुआत वाईस प्रिंसिपल डॉ. चंदन पंडा ने की, जिन्होंने वायु प्रदूषण के खतरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण आज के दौर में सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। इसका मुख्य कारण उद्योगों और वाहनों से निकलने वाला धुआं है, जिससे वायुमंडल में कार्बन-डाइ-ऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है और ओजोन परत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
स्वास्थ्य पर प्रदूषण का असर
शिक्षिका विजया बोस ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण आज हमारे स्वास्थ्य में कई बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने लोगों से प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया। लैब टेक्नीशियन अविनाश अधिकारी ने भी कहा कि वायु प्रदूषण मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालता है, जिससे व्यक्ति कई प्रकार की बीमारियों से जूझता है।
डॉ. नूतन ने कहा कि प्रदूषण के कारण न केवल हम कैंसर, हृदय रोग और अन्य बीमारियों का सामना कर रहे हैं, बल्कि समुद्रों में जल स्तर की वृद्धि जैसे पर्यावरणीय संकट भी बढ़ रहे हैं।
छात्रों के विचार और सुझाव
इस अवसर पर छात्रा मोमिता महतो ने प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने और पर्यावरण को बचाने के लिए अपने विचार प्रस्तुत किए। छात्र अजय भगत ने सुझाव दिया कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए और पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों के उपयोग को सीमित करना चाहिए।
छात्र जय कुमार, लक्ष्मी प्रिया महतो, सुभम, रिसिता कुमारी, और निशा कुमारी ने भी प्रदूषण के विभिन्न कारणों और उसके नियंत्रण के उपायों पर अपने विचार रखे। छात्रा छवि ने कहा कि प्रदूषण के प्रमुख कारणों में धुआं और कचरा शामिल हैं। उन्होंने कचरे का पुनः उपयोग कर खाद बनाने की सलाह दी ताकि वायु प्रदूषण से बचा जा सके।
समापन और धन्यवाद
कार्यक्रम का समापन समीर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद कहा और प्रदूषण के खिलाफ इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया।
इस कार्यक्रम ने प्रदूषण के खतरों और उसके नियंत्रण के उपायों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। प्रदूषण से संबंधित जागरूकता के इस अभियान ने समाज में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने की प्रेरणा दी है।
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