आत्महत्या निवारण सप्ताह पर मुरली इंस्टीट्यूशन में संगोष्ठी, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को दिए गए महत्वपूर्ण सुझाव
मुरली इंस्टीट्यूशन ने विश्व आत्महत्या निवारण सप्ताह के तहत संगोष्ठी का आयोजन किया। जानिए आत्महत्या से बचाव के लिए कर्मचारियों और विद्यार्थियों को क्या-क्या सलाह दी गई।
11 सितंबर, 2024: विश्व आत्महत्या निवारण सप्ताह (10 सितंबर से 16 सितंबर) के अवसर पर मुरली इंस्टीट्यूशन ने आज एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया। यह संगोष्ठी मुरली पारामेडिकल एंड रिसर्च कॉलेज के तत्वाधान में हुई, जिसकी अध्यक्षता कॉलेज की डायरेक्टर डॉ. नूतन रानी और प्रिंसिपल डॉ. शालिनी ने की।
संगोष्ठी में कर्मचारियों और विद्यार्थियों को आत्महत्या की रोकथाम से संबंधित महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की गई। संगोष्ठी में कई प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया:
- आत्महत्या से बचाव के तरीके और उसके कारणों पर जानकारी दी गई।
- नकारात्मक विचारों को मन में न आने देने की सलाह दी गई।
- स्वस्थ जीवनचर्या अपनाने के महत्व पर जोर दिया गया।
- तनाव मुक्त जीवन जीने की आवश्यकता पर चर्चा की गई।
- सकारात्मक सोच रखने के लाभों को बताया गया।
- जीवन में आने वाली समस्याओं पर दोस्तों और परिवार से बात करने की सलाह दी गई।
- खुश रहने के तरीके साझा किए गए।
- हर दिन अपने पसंदीदा कार्य के लिए समय निकालने की सलाह दी गई।
- "मौत को 'ना' कहें, जिंदगी को 'हां' कहें" जैसे स्लोगन के साथ चर्चा की शुरुआत की गई।
- मानसिक समस्याओं को छिपाने के बजाय खुलकर बात करने की सलाह दी गई।
- परेशानियों को सुनने और साझा करने के महत्व को समझाया गया।
- मानसिक समस्याओं का इलाज संभव होने की जानकारी दी गई और डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई।
संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों और विद्यार्थियों को आत्महत्या जैसे गलत विचारों से बचाने के लिए जागरूक करना था। सभी को निर्देश दिया गया कि वे इन सलाहों को अपने सगे-संबंधियों, दोस्तों और परिवार वालों तक भी पहुंचाएं। इस प्रकार, आत्महत्या की घटनाओं को कम करने में मदद की जा सकेगी।
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