नाबालिग की मौत पर हंगामा: ग्रामीणों ने सड़क जाम कर मुआवजे की मांग की, 23 नामजद व 100 अज्ञात पर केस दर्ज
ईचागढ़ थाना क्षेत्र में नाबालिग की सड़क हादसे में मौत के बाद ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। पुलिस ने 23 नामजद और 100 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया है।
सरायकेला, 1 सितंबर: ईचागढ़ थाना क्षेत्र के तिरूलडीह मिलन चौक सड़क पर गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। सोड़ो मोड़ के पास हाइवा की चपेट में आने से 12 वर्षीय सुनील महतो की मौत हो गई। वह बंगाल के बाघमुंडी थाना क्षेत्र के सींदरी का रहने वाला था। इस हादसे में सुनील के पिता और 9 वर्षीय बहन भी गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने मृतक के परिवार के लिए मुआवजे की मांग करते हुए सड़क जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने सुबह 10 बजे से लेकर रात 12 बजे तक घटनास्थल पर लाश उठाने का विरोध किया। करीब 14 घंटे तक चले इस प्रदर्शन ने पुलिस और प्रशासन को भी चुनौतीपूर्ण स्थिति में डाल दिया।
ग्रामीणों का आरोप था कि हादसे के बाद प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की और मुआवजे की मांग को नजरअंदाज किया। उनकी मांग थी कि मृतक के परिवार को तुरंत मुआवजा दिया जाए। लेकिन पुलिस ने रात 12 बजे के बाद ही शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पुलिस ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया। ईचागढ़ थाना में 23 नामजद और 100 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने ग्रामीणों को उकसाकर सड़क जाम किया, शव उठाने से रोका, सरकारी कार्य में बाधा डाली और पुलिस पर जानलेवा हमला किया। आरोपियों में कई गांवों के लोग शामिल हैं जैसे कि विष्टाटांढ़, सोड़ो, जारगोडीह, हुंडी, दीरिडारी, पुरीहेसा, हरतालडीह, रघुनाथपुर और अन्य।
नामजद अभियुक्तों में प्रमुख रूप से सपन कुमार महतो, पवन कुमार महतो, तरूण कुमार महतो, मोतीलाल महतो, सर्वेश्वर गोप, पप्पू पांडे, निवारण गोप, दीपक गोप, बांका गोराई, इन्द्र प्रामाणिक, फारेन महतो, जागरू महतो, साधु महतो, काजल सरकार, मुकेश महतो, सैयनाथ महतो, प्राणेश्वर महतो, सालखान महतो, बाहादुर महतो, लक्ष्मण महतो, गोपेश्वर महतो, राजेश रंजन, देवेंद्र नाथ महतो और अन्य के नाम शामिल हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने उनकी मांगों को अनदेखा किया, जिससे उन्हें मजबूरन सड़क जाम करना पड़ा। वहीं, पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्होंने आवश्यक कार्रवाई की है।
इस घटना ने इलाके में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का आक्रोश अभी थमा नहीं है और वे न्याय की मांग कर रहे हैं। पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामलों के बाद अब देखना होगा कि प्रशासन इस स्थिति को कैसे संभालता है।
प्रशासन ने इस मामले में सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। साथ ही, ग्रामीणों से अपील की है कि वे कानून को अपने हाथ में न लें और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगें रखें। इस घटना ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और प्रशासन की जिम्मेदारी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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