ममता दीदी ने आलू की बिक्री को राजनीतिक मुद्दा बना दिया, जिससे आलू की कीमत बढ़ गयी है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आलू की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए इसके निर्यात पर रोक लगा दी है। जानिए, इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी और इसके प्रभाव।
कोलकाता। हाल ही में आलू की कीमतों में आई भारी बढ़ोतरी को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को अधिकारियों को आलू की कीमतें नियंत्रण में आने तक इसका निर्यात रोकने का निर्देश दिया। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
‘प्रोग्रेसिव पोटैटो ट्रेडर्स एसोसिएशन’ ने आलू के अंतरराज्यीय व्यापार पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के फैसले के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था। इस हड़ताल के कुछ दिनों बाद बनर्जी ने मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्देश जारी किया।
मुख्यमंत्री का सख्त रुख:
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "आज की मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिए कि जब तक आलू की कीमतें कम नहीं हो जातीं, इसे दूसरे राज्यों में निर्यात नहीं किया जाना चाहिए। आलू की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।"
कैबिनेट के अन्य फैसले:
इस बीच, कैबिनेट ने तीन नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति के गठन को भी मंजूरी दी है।
आलू की कीमतों पर प्रतिबंध:
पश्चिम बंगाल में आलू की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सरकार का यह कदम कीमतों को स्थिर करने और जनता को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि, आलू व्यापारियों ने इस निर्णय का विरोध करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है।
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