Lohardaga Trap: भ्रष्ट सचिव, लोहरदगा में 15,000 की रिश्वत लेते पंचायत सचिव गिरफ्तार
लोहरदगा के सेन्हा प्रखंड में बागवानी योजना के मस्टर रोल के नाम पर रिश्वत ले रहे पंचायत सचिव सुरेंद्र गुप्ता को एसीबी ने रंगे हाथ दबोच लिया है। प्रखंड कार्यालय में मचे इस हड़कंप और घूसखोरी के इस पूरे हाई-वोल्टेज ड्रामे की सनसनीखेज रिपोर्ट यहाँ दी गई है वरना आप भी सरकारी दफ्तरों में चल रहे इस भ्रष्टाचार के खेल से अनजान रह जाएंगे।
लोहरदगा, 26 दिसंबर 2025 – झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी (Anti-Corruption Bureau) का प्रहार लगातार जारी है। शुक्रवार को लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड कार्यालय में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एसीबी की एक विशेष टीम ने भड़गांव और डांडू पंचायत के पंचायत सचिव सुरेंद्र गुप्ता को 15,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। भ्रष्टाचार की यह जड़ें एक गरीब किसान की बागवानी योजना तक फैली हुई थीं। इस कार्रवाई ने सेन्हा प्रखंड के अन्य भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच खौफ पैदा कर दिया है।
बागवानी योजना और मस्टर रोल का 'रेट'
यह पूरा मामला एक गरीब लाभुक की मेहनत की कमाई से जुड़ा है। सेन्हा प्रखंड के रहने वाले कृष्णा उरांव अपनी बागवानी योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे।
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रिश्वत की मांग: पंचायत सचिव सुरेंद्र गुप्ता ने कृष्णा उरांव से मस्टर रोल (Muster Roll) जेनरेट करने के बदले अवैध धन की मांग की थी।
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मजबूरी का फायदा: सरकारी फाइलों को आगे बढ़ाने के नाम पर लाभुक को परेशान किया जा रहा था। जब रिश्वत की रकम 15,000 रुपये तय हुई, तो कृष्णा उरांव ने इसकी शिकायत एसीबी से करने का मन बना लिया।
ACB का 'फुलप्रूफ' जाल: प्रखंड कार्यालय में रेड
शिकायत मिलने के बाद एसीबी की टीम ने बेहद गोपनीय तरीके से आरोपों का सत्यापन किया। जैसे ही यह साफ हुआ कि पंचायत सचिव रिश्वत लेने वाला है, एसीबी के डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम लोहरदगा के लिए रवाना हुई।
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रंगे हाथ गिरफ्तारी: शुक्रवार को जैसे ही कृष्णा उरांव ने प्रखंड कार्यालय में सुरेंद्र गुप्ता को केमिकल लगे नोटों के रूप में 15,000 रुपये थमाए, वैसे ही सादे लिबास में तैनात एसीबी की टीम ने उन्हें धर दबोचा।
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मौके पर हड़कंप: अचानक हुई इस कार्रवाई से ब्लॉक परिसर में भगदड़ मच गई। लोग समझ ही नहीं पाए कि सफेद बोलेरो में आए लोग कौन हैं, जब तक कि पंचायत सचिव के हाथों का रंग नहीं बदला।
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घंटों चली पूछताछ: गिरफ्तारी के बाद पंचायत सचिव को काफी देर तक एक गाड़ी में बिठाकर रखा गया और जरूरी कागजात खंगाले गए।
एसीबी कार्रवाई का संक्षिप्त विवरण (Case Snapshot)
| विवरण | जानकारी |
| आरोपी का नाम | सुरेंद्र गुप्ता (पंचायत सचिव) |
| प्रखंड / पंचायत | सेन्हा प्रखंड (भड़गांव और डांडू पंचायत) |
| रिश्वत की राशि | ₹15,000 (नगद) |
| योजना का नाम | बागवानी योजना (मस्टर रोल हेतु) |
| कार्रवाई करने वाली टीम | एसीबी (ACB), रांची/हजारीबाग यूनिट |
भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश
एसीबी की इस कार्रवाई से सेन्हा प्रखंड कार्यालय के कामकाज पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रखंड स्तर पर बिना 'कमीशन' के किसी भी योजना का लाभ मिलना नामुमकिन हो गया है। पंचायत सचिव सुरेंद्र गुप्ता की गिरफ्तारी से उन बिचौलियों और कर्मचारियों में दहशत है जो सरकारी योजनाओं के पैसे की बंदरबांट में शामिल रहते हैं।
आगे क्या? कानूनी प्रक्रिया शुरू
एसीबी की टीम पंचायत सचिव को अपने साथ ले गई है, जहाँ उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस रिश्वतखोरी के खेल में प्रखंड कार्यालय के कुछ और बड़े अधिकारी भी शामिल थे। सुरेंद्र गुप्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।
सिस्टम की सफाई की ओर एक कदम
लोहरदगा में हुई यह गिरफ्तारी दर्शाती है कि अगर आम जनता जागरूक हो और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाए, तो कोई भी 'साहब' कानून से ऊपर नहीं है। कृष्णा उरांव का साहस आज पूरे जिले के लाभुकों के लिए प्रेरणा बन गया है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस कार्रवाई के बाद प्रखंडों में व्याप्त 'कमीशन कल्चर' को खत्म करने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है।
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