Kurukshetra: साहित्यकार डॉ. सिंगला का भव्य अभिनंदन, साहित्यिक मंच पर हुआ भावपूर्ण स्वागत
कुरुक्षेत्र में साहित्यकार डॉ. जय भगवान सिंगला का स्वागत हुआ। उनकी पुस्तक 'याद सुहानी गांव की' को राष्ट्रीय सम्मान मिलने पर हुआ समारोह। जानें किस तरह साहित्यिक और सामाजिक मंचों ने किया सम्मान।
कुरुक्षेत्र: साहित्य और समाज सेवा में अभूतपूर्व योगदान देने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. जय भगवान सिंगला का एक भव्य और भावपूर्ण स्वागत हाल ही में रोहतक में आयोजित एक समारोह में हुआ। इस मौके पर उन्हें उनकी पुस्तक ‘याद सुहानी गांव की’ को प्रथम राष्ट्रीय सम्मान मिलने पर सम्मानित किया गया था। उनके सम्मान में आयोजित इस साहित्यिक कार्यक्रम ने साहित्य जगत और समाजसेवियों के बीच एक नई चर्चा का विषय बना दिया।
डॉ. सिंगला को सम्मानित करने के लिए रोहतक की प्रज्ञा साहित्यिक मंच, स्त्री शक्ति संगठन इकाई, स्वच्छ हिन्दी वैश्विक हिन्दी अभियान, और अन्य कई साहित्यिक और सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर एक शानदार समारोह आयोजित किया। इस आयोजन ने न केवल साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान को सराहा, बल्कि समाज में उनके कार्यों को भी मान्यता दी।
डॉ. सिंगला का साहित्यिक योगदान
डॉ. जय भगवान सिंगला एक प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं जिन्होंने न केवल साहित्य बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उनकी पुस्तक ‘याद सुहानी गांव की’ को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलने के बाद उनके योगदान को व्यापक पहचान मिली है। यह पुस्तक ग्रामीण जीवन की सच्चाइयों और संघर्षों को उजागर करती है और पाठकों को एक नई दृष्टि प्रदान करती है। उनकी लेखनी का उद्देश्य न केवल समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है, बल्कि लोगों को अपने गांव और समाज के प्रति जागरूक करना भी है।
रोहतक में भव्य स्वागत
इस सम्मान समारोह में रोहतक के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अनूप बंसल 'मधुकांत' ने प्रमुख रूप से डॉ. सिंगला का स्वागत किया। इसके अलावा, डॉ. श्याम लाल कौशल, मस्तनाथ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर बाबू राम, और प्रसिद्ध साहित्यकार अर्चना कोचर जैसे महत्वपूर्ण व्यक्ति भी इस समारोह का हिस्सा बने।
साहित्यकार अंजना गर्ग और डॉ. तरुणा सचदेवा ने भी डॉ. सिंगला के साहित्यिक योगदान को सराहा और उनकी किताब ‘याद सुहानी गांव की’ के प्रभाव को गहराई से समझाया। स्त्री शक्ति संगठन की अध्यक्षा ममता शर्मा और प्रबंधक कंचन मखीजा ने भी इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं।
सामाजिक बदलाव और स्त्री शक्ति संगठन की भूमिका
स्त्री शक्ति संगठन ने इस समारोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ममता शर्मा और कंचन मखीजा ने न केवल साहित्यिक कार्यों को प्रोत्साहित किया, बल्कि महिलाओं और समाज के अन्य वर्गों के लिए सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता पर भी जोर दिया। यह संस्था समाज में जागरूकता फैलाने, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और समाजिक समरसता के लिए निरंतर काम कर रही है।
इस मौके पर उपस्थित रहे अन्य गणमान्य व्यक्तियों में प्रसिद्ध चित्रकार राज ख्यालिया, फिटनेस ट्रेनर और योग शिक्षिका नीरू, और फिल्म निर्माता केशव ने भी समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस कार्यक्रम में साहित्यिक और सामाजिक कार्यों की सराहना करने वाले सभी लोगों का उत्साह देखते ही बनता था।
भविष्य में साहित्य की दिशा
यह सम्मान समारोह न केवल डॉ. सिंगला की कड़ी मेहनत और समर्पण को मान्यता देने का एक प्रयास था, बल्कि यह साहित्यिक समुदाय को एक नई दिशा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। आने वाले समय में इस तरह के कार्यक्रम साहित्यिक दृष्टिकोण से और भी अधिक महत्व रखते हैं, जो न केवल लेखकों को प्रेरित करते हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग को जागरूक भी करते हैं।
इस कार्यक्रम के बाद साहित्यिक समाज में एक नई उम्मीद और बदलाव की लहर है। डॉ. सिंगला के जैसे साहित्यकारों की मेहनत और उनके कार्यों को सम्मानित करना न केवल साहित्य जगत के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश देता है।
कुरुक्षेत्र में आयोजित इस भव्य और भावपूर्ण स्वागत ने डॉ. जय भगवान सिंगला के योगदान को सम्मानित करने के साथ-साथ साहित्य और समाज सेवा के प्रति जागरूकता भी फैलायी। इस कार्यक्रम के जरिए यह संदेश दिया गया कि साहित्य और समाज सेवा का एक दूसरे से गहरा संबंध है, और यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक हो सकता है।
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