Kolkata Meeting: दक्षिण पूर्व रेलवे की राजभाषा समिति की बैठक में हिंदी के प्रयोग को लेकर हुए बड़े फैसले
दक्षिण पूर्व रेलवे की राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए महाप्रबंधक ने दिए अहम निर्देश। जानें, क्या हुए बड़े फैसले।
दक्षिण पूर्व रेलवे की क्षेत्रीय रेल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की वर्ष 2025 की पहली बैठक कोलकाता में महाप्रबंधक श्री अनिल कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक में राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। साथ ही, रेलवे के हर विभाग में हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के उपायों पर भी चर्चा हुई।
बैठक में शामिल वरिष्ठ अधिकारी
इस बैठक में दक्षिण पूर्व रेलवे के अपर महाप्रबंधक श्री सौमित्र मजूमदार और अन्य सभी प्रमुख विभागाध्यक्ष उपस्थित थे। इसके अलावा, मंडलों के अपर मंडल रेल प्रबंधक और खड़गपुर कारखाने के उप मुख्य राजभाषा अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
बैठक का मुख्य एजेंडा
इस बैठक में दक्षिण पूर्व रेलवे में राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन और प्रगति की समीक्षा की गई। महाप्रबंधक ने हिंदी के प्रयोग-प्रसार के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए और इसे लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने हिंदी कार्यशालाओं के नियमित आयोजन की सराहना की और इसे जारी रखने का निर्देश दिया।
राजभाषा कार्यशालाओं का महत्व
महाप्रबंधक ने निर्देश दिया कि मुख्यालय सहित सभी मंडलों और खड़गपुर कारखाने में हिंदी कार्यशालाओं का नियमित आयोजन किया जाए। यह कदम न केवल कर्मचारियों को हिंदी में दक्ष बनाएगा बल्कि उन्हें अपने कार्य हिंदी में करने के लिए प्रेरित भी करेगा।
चक्रधरपुर मंडल ने विशेष पहल करते हुए अहिंदी भाषी कर्मचारियों के लिए अलग से हिंदी वाक् प्रतियोगिता आयोजित की। इस प्रयास को महाप्रबंधक ने बेहद सराहनीय बताया और इसे अन्य मंडलों के लिए भी अनुकरणीय कदम कहा।
हिंदी में टिप्पणियां करने पर जोर
महाप्रबंधक ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि अगली तिमाही तक कम से कम 50% टिप्पणियां हिंदी में की जाएं। यह निर्णय राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
iGOT प्रस्तुति ने खींचा ध्यान
बैठक में आद्रा मंडल के कार्यालय अधीक्षक श्री विजय कुमार वर्मा ने iGOT (इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग) विषय पर एक पावरपॉइंट प्रस्तुति दी। यह प्रस्तुति अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण और विकास में डिजिटल माध्यमों के उपयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक अहम पहल थी।
दक्षिण पूर्व रेलवे: राजभाषा के प्रयोग में अग्रणी
दक्षिण पूर्व रेलवे का हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने का इतिहास समृद्ध है। 1950 में राजभाषा अधिनियम लागू होने के बाद से रेलवे ने हिंदी को अपने कामकाज में शामिल करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। दक्षिण पूर्व रेलवे ने समय-समय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं, कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन कर हिंदी के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
बैठक का समापन
बैठक का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन श्री पी.सी. डांग, उप महाप्रबंधक (राजभाषा) ने किया। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को राजभाषा हिंदी के प्रयोग को लेकर प्रेरित किया और बैठक को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया।
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