Jamshedpur Training: सीएसआईआर-एनएमएल में रेलवे घटकों की धातुकर्म विफलता पर अद्भुत प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

जमशेदपुर के सीएसआईआर-एनएमएल में ‘रेलवे घटकों की धातुकर्म विफलता जांच (एमआईआरसी'25)’ पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न। प्रतिभागियों ने सीखा क्षरण के मूल कारणों की जांच।

Jan 24, 2025 - 20:48
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Jamshedpur Training: सीएसआईआर-एनएमएल में रेलवे घटकों की धातुकर्म विफलता पर अद्भुत प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
Jamshedpur Training: सीएसआईआर-एनएमएल में रेलवे घटकों की धातुकर्म विफलता पर अद्भुत प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

जमशेदपुर स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) में तीन दिवसीय ‘रेलवे घटकों की धातुकर्म विफलता जांच (एमआईआरसी'25)’ कार्यक्रम का सफल समापन हुआ। इस कार्यक्रम ने देश के रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने और गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। कार्यक्रम में आरडीएसओ (रिसर्च डिज़ाइन्स एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन) के 10 प्रतिभागियों ने भाग लिया और इसे खास अनुभव बताया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रेलवे घटकों की धातुकर्मीय विफलताओं की गहराई से जांच करना और क्षरण के मूल कारणों का पता लगाना था। प्रतिभागियों को भौतिक धातु विज्ञान, सामग्री लक्षण वर्णन तकनीकें, विफलता जांच की पद्धति और घटक अखंडता मूल्यांकन जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में क्या-क्या शामिल था?

कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सैद्धांतिक व्याख्यान के साथ-साथ व्यावहारिक प्रदर्शन का लाभ मिला। इनमें शामिल थे:

  • घटकों की योग्यता के लिए प्रासंगिक मानक
  • सेवा की शर्तों के तहत क्षरण और विफलता के तंत्र
  • अत्याधुनिक सामग्री लक्षण वर्णन सुविधाएं
  • विफलता जांच की अनुक्रमिक पद्धति

इस दौरान, प्रतिभागियों ने उन तकनीकों और प्रक्रियाओं का अनुभव किया जिनकी मदद से रेलवे घटकों में मौजूद समस्याओं को हल किया जा सकता है।

सीएसआईआर-एनएमएल और आरडीएसओ के बीच सहयोग

कार्यक्रम के समापन पर, सीएसआईआर-एनएमएल के मुख्य वैज्ञानिक डॉ कनाई लाल साहू ने आरडीएसओ के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने देशभर में रेलवे नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार और मानकीकरण में उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया। इस दौरान उन्होंने प्रतिभागियों के उत्साह की भी तारीफ की।

सीएसआईआर-एनएमएल के मटेरियल्स इंजीनियरिंग प्रभाग के प्रमुख डॉ एस शिवप्रसाद ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र सौंपे। उन्होंने सीएसआईआर-एनएमएल और आरडीएसओ के बीच दीर्घकालिक सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम रेलवे घटकों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाएंगे।

इतिहास में झांकें: सीएसआईआर-एनएमएल की यात्रा

जमशेदपुर स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला भारत में धातु विज्ञान और सामग्री विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी संस्था है। 1950 में स्थापित, यह प्रयोगशाला विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देती है। रेलवे नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार के लिए संस्था ने हमेशा से नई तकनीकों का विकास किया है।

आरडीएसओ, जो भारतीय रेलवे का अनुसंधान विंग है, और सीएसआईआर-एनएमएल का यह संयुक्त प्रयास देश के रेलवे नेटवर्क को सुदृढ़ और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा।

प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाएं

कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने सीएसआईआर-एनएमएल के वैज्ञानिकों और उनके समर्पण की सराहना की। उन्होंने इस प्रशिक्षण को बेहद उपयोगी बताया, जिसने उन्हें रेलवे घटकों की धातुकर्मीय विफलताओं को गहराई से समझने का मौका दिया।

डॉ अवनीश चंदन, जो इस कार्यक्रम के समन्वयक थे, ने अपने औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

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