Koderma Accident : तेज रफ्तार ट्रक ने छीनी जिंदगी, ग्रामीणों ने किया जाम, मुआवजे की मांग तेज

कोडरमा जिले में एक बार फिर रफ्तार का कहर, 55 वर्षीय सरजू यादव की सड़क हादसे में मौत। गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर मुआवजे और कार्रवाई की मांग की। पढ़ें पूरी खबर।

Sep 24, 2025 - 16:24
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Koderma Accident : तेज रफ्तार ट्रक ने छीनी जिंदगी, ग्रामीणों ने किया जाम, मुआवजे की मांग तेज
Koderma Accident : तेज रफ्तार ट्रक ने छीनी जिंदगी, ग्रामीणों ने किया जाम, मुआवजे की मांग तेज

झारखंड का कोडरमा जिला एक बार फिर रफ्तार के कहर का गवाह बना। बुधवार दोपहर जयनगर प्रखंड के भुवालडीह गांव के रहने वाले 55 वर्षीय सरजू यादव की दर्दनाक मौत एक सड़क हादसे में हो गई। हादसा इतना अचानक था कि पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और देखते ही देखते गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया।

हादसा कैसे हुआ?

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सरजू यादव मोटरसाइकिल से अपने घर लौट रहे थे। जैसे ही वह आदर्श शिशु प्लस टू उच्च विद्यालय, बाघमारा के पास पहुंचे, सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हादसे के बाद ट्रक चालक वाहन समेत फरार हो गया।

गुस्साए ग्रामीणों का सड़क जाम

घटना की खबर फैलते ही आसपास के लोग मौके पर जुट गए। गुस्साए ग्रामीणों ने मरकच्चो-जयनगर मार्ग को जाम कर दिया और मुआवजे की मांग करने लगे। जाम के कारण यातायात पूरी तरह से ठप हो गया।
सूचना मिलते ही अंचलाधिकारी सारांश जैन, थाना प्रभारी बबलू कुमार और पुलिस बल मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि दोषी चालक पर कार्रवाई होगी और परिवार को उचित मुआवजा दिलाने की पहल की जाएगी।

लापरवाही का आरोप

ग्रामीणों का कहना है कि हादसे के लिए ट्रक चालक की लापरवाही जिम्मेदार है। स्थानीय लोगों ने बताया कि विद्यालय के पास सड़क पर दो बैरिकेड लगे हुए थे ताकि वाहनों की गति नियंत्रित की जा सके। ऐसे में एक समय पर केवल एक वाहन ही निकल सकता है। इसके बावजूद ट्रक चालक ने लापरवाही दिखाते हुए अपनी लेन छोड़ी और बाइक को टक्कर मार दी।

ग्रामीणों का गुस्सा और मांग

स्थानीय लोगों का आरोप है कि ग्रामीण इलाकों में भारी वाहनों पर पुलिस और प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। ट्रक और डंपर बिना रोक-टोक तेज रफ्तार से गुजरते हैं, जिससे हर दिन दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि:

  • भारी वाहनों की गति सीमित की जाए।

  • बैरिकेड और ट्रैफिक नियंत्रण की व्यवस्था मजबूत की जाए।

  • पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिले।

कोडरमा और सड़क हादसों का इतिहास

कोडरमा जिला लंबे समय से हाईवे हादसों के लिए बदनाम रहा है। झारखंड-बिहार सीमा से सटे इस क्षेत्र में राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर भारी वाहनों की आवाजाही लगातार बढ़ रही है।
2018 में इसी इलाके में एक स्कूल वैन और ट्रक की टक्कर में कई बच्चों की मौत हुई थी। 2021 में मरकच्चो प्रखंड में एक बस और ट्रक की भिड़ंत ने 7 लोगों की जान ले ली थी। बावजूद इसके, सड़क सुरक्षा के इंतज़ाम आज भी अपर्याप्त हैं।

प्रशासन की चुनौती

त्योहारों के मौसम में सड़क हादसों की आशंका और बढ़ जाती है। अधिकारी लगातार हेलमेट और ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील करते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण इलाकों में ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी नगण्य है। ऐसे में प्रशासन के लिए सड़क सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

बड़ा सवाल

आखिर कब तक रफ्तार से लोगों की जानें जाती रहेंगी? क्या प्रशासन सिर्फ हादसे के बाद आश्वासन देता रहेगा या सच में कोई ठोस कदम उठाएगा?

सरजू यादव की मौत केवल एक परिवार का दुख नहीं है, बल्कि पूरे इलाके की त्रासदी है। यह हादसा फिर साबित करता है कि सड़क सुरक्षा को लेकर ढिलाई कितनी महंगी पड़ सकती है। अब वक्त आ गया है कि लोग भी सतर्क हों और प्रशासन भी जिम्मेदारी से काम करे।

सवाल है—क्या अगला त्यौहार भी कोडरमा में रफ्तार का कहर लेकर आएगा, या इस बार सच में कुछ बदलेगा?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।