Arjun Munda Tribute: सरायकेला खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि: अर्जुन मुंडा पहुंचे शहीद वेदी पर
Kharasawan गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे अर्जुन मुंडा ने शहीद स्थल की सुंदरता और प्रशासन की लापरवाही पर चर्चा की। जानें इस प्रेरक स्थल की कहानी और आगामी योजनाएं।
Kharasawan के ऐतिहासिक शहीद स्थल पर बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि साल की शुरुआत शहीदों को नमन करके करना न केवल प्रेरणा देता है, बल्कि उनके बलिदान को याद करने का अवसर भी है। अर्जुन मुंडा ने इस स्थल के जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण की चर्चा की, जिसे उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान एक प्रेरक स्थल के रूप में विकसित किया था।
खरसावां गोलीकांड: एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
खरसावां गोलीकांड, झारखंड के इतिहास का वह काला अध्याय है, जब सैकड़ों आदिवासियों को उनकी जमीन और अधिकारों की मांग के दौरान गोलियों से भून दिया गया। यह घटना उस समय घटी जब यह क्षेत्र उड़ीसा के अधीन था। बाद में इसे बिहार का हिस्सा बनाया गया और अंततः झारखंड राज्य में शामिल किया गया।
शहीद स्थल, जहां हर साल हजारों लोग श्रद्धांजलि देने आते हैं, कभी हाट-बाजार की चहल-पहल से अपनी गरिमा खो चुका था। अर्जुन मुंडा ने मुख्यमंत्री रहते हुए इस स्थल का पुनरुद्धार किया और इसे एक प्रेरणादायक स्थल में बदल दिया।
शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि और प्रशासन पर सवाल
अर्जुन मुंडा ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह स्थल झारखंड के संघर्ष और बलिदान का प्रतीक है। उन्होंने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर सात दिन का राजकीय शोक घोषित होने के बावजूद, जगह-जगह राजनीतिक दलों के बैनर और पोस्टर लगे हुए हैं। यह प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है और इस पर सुधार की आवश्यकता है।
शहीदों की सूची और सम्मान की पहल
अर्जुन मुंडा ने कहा कि भारत सरकार भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर देशभर के शहीदों को चिन्हित कर उन्हें सम्मानित करने की योजना बना रही है। उन्होंने राज्य सरकार से इस पहल में सहयोग करने की अपील की। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि खरसावां गोलीकांड के शहीदों को चिन्हित करने के लिए एक आयोग का गठन किया जाना चाहिए।
हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि खरसावां गोलीकांड से संबंधित अभिलेखों का अभाव है क्योंकि यह घटना उड़ीसा और बिहार के प्रशासनिक क्षेत्र में घटी थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके शहीदों की सूची तैयार की जानी चाहिए ताकि उन्हें उचित सम्मान मिल सके।
शहीद स्थल पर नेताओं की उपस्थिति
इस अवसर पर अर्जुन मुंडा के साथ बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता जेबी तुविद, पूर्व विधायक मंगल सिंह सोय, चक्रधरपुर के पूर्व विधायक शशि भूषण समड, जिला अध्यक्ष उदय सिंह देव, और अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे।
नया साल और शहीदों की प्रेरणा
हर साल, नए साल की शुरुआत में यहां हजारों लोग आते हैं और शहीदों को नमन करते हैं। यह स्थल न केवल झारखंड के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा भी देता है।
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