Jharkhand Crime :Jharkhand में रेप पीड़िता से मारपीट, 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड, जेल में नवजात की मौत
झारखंड में रेप पीड़िता के साथ थाने में मारपीट और केस दर्ज करने में लापरवाही के बाद 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया। वहीं, दुमका जेल में महिला कैदी की नवजात बच्ची की मौत से हड़कंप।
झारखंड के गुमला जिले में एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए दुर्व्यवहार और लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पालकोट थाना क्षेत्र की नाबालिग 17 दिसंबर की रात अपनी आपबीती लेकर थाने पहुंची, लेकिन उसकी शिकायत दर्ज करने के बजाय उसे अपमानित किया गया। यही नहीं, पीड़िता के साथ मारपीट भी की गई। इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
कैसे हुआ यह मामला?
घटना घाघरा थाना क्षेत्र की है, जहां पीड़िता अपनी शिकायत दर्ज कराने गई थी। लेकिन वहां मौजूद ओडी अफसर कृष्ण कुमार ने आरोपी को थाने बुलाकर पूछताछ के बाद छोड़ दिया और पीड़िता को भगा दिया। जब पीड़िता पालकोट थाना पहुंची, तो वहां भी उसके साथ मारपीट की गई।
गुमला एसपी शंभु सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का आदेश दिया। एसडीपीओ की रिपोर्ट के आधार पर पालकोट थाना प्रभारी मोहम्मद जहांगीर, घाघरा के एएसआई कृष्ण कुमार, और महिला आरक्षी दिना टोप्पो को सस्पेंड कर दिया गया।
घटना की जांच में सीसीटीवी बंद होने का खुलासा
इस मामले की जांच के लिए बसिया एसडीओ जयवंती देवगन और गुमला डीएसडब्ल्यूओ आरती कुमारी ने घाघरा थाना का दौरा किया। जांच में सामने आया कि घटना के वक्त सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए गए थे। यह लापरवाही मामले को और संदिग्ध बनाती है।
रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की कोशिशें
पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। एसपी ने साफ कर दिया है कि इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
जेल में नवजात बच्ची की मौत ने उठाए सवाल
इसी दौरान झारखंड के दुमका स्थित केंद्रीय जेल में महिला कैदी की एक साल की नवजात बच्ची की मौत ने हड़कंप मचा दिया है। महिला कैदी, जो हत्या के आरोप में जेल में बंद है, ने 9 दिसंबर को दुमका पीजेएमसीएच में बच्ची को जन्म दिया था।
बच्ची को पीलिया होने के बाद पीजेएमसीएच में इलाज कराया गया, लेकिन सुधार न होने पर उसे रिम्स रांची और बाद में दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया। 22 दिसंबर की रात बच्ची की मौत हो गई।
जेल प्रशासन पर उठ रहे सवाल
जेल प्रशासन ने बच्ची की तबीयत बिगड़ने के बावजूद समय पर बेहतर इलाज न कराने का आरोप झेला है। सवाल यह है कि नवजात की स्थिति इतनी गंभीर होने के बावजूद उसे जेल में क्यों रखा गया?
इतिहास और वर्तमान परिदृश्य
झारखंड में महिला सुरक्षा और न्याय प्रणाली पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। दुष्कर्म पीड़िता के साथ थाने में दुर्व्यवहार और जेल में नवजात की मौत जैसे मामले राज्य में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
झारखंड के इन दोनों मामलों ने राज्य प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। एक ओर पीड़िता को न्याय दिलाने में लापरवाही, तो दूसरी ओर जेल में नवजात की मौत ने मानवाधिकारों की अनदेखी को उजागर किया है।
प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना होगा कि महिला सुरक्षा और न्याय प्रणाली में सुधार हो। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाना राज्य की प्राथमिकता होनी चाहिए।
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