झारखंड में हो सकती है बत्ती गुल, सोई हुई है हेमंत सरकार
झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने 3 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। जानें कर्मचारियों की प्रमुख मांगें और इसके संभावित परिणाम।
3 अक्टूबर 2024: झारखंड में बत्ती गुल होने का खतरा बढ़ गया है। झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि राज्य के सभी सप्लाई एरिया बोर्ड और ट्रांसमिशन जोन के बिजली कर्मचारी हड़ताल के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
अजय राय ने कहा कि कल सभी कर्मचारी रांची के सेक्टर 3 धुर्वा गोल चक्कर मैदान पर इकट्ठा होंगे। वहां वे अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करेंगे। संघ की छह प्रमुख मांगें हैं।
पहली मांग है आउटसोर्सिंग व्यवस्था को समाप्त करना। कर्मचारी चाहते हैं कि पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू किया जाए। दूसरी मांग है, होमगार्ड की तर्ज पर 1000 रुपये से ऊपर के बिजली कर्मचारियों का मानदेय अनुभव के आधार पर चार श्रेणियों में तय किया जाए।
तीसरी मांग है नियमित नियुक्तियों में प्राथमिकता तय करना। इसके अलावा, 10 साल से अधिक सेवा दे चुके कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति करने की मांग की गई है। इसके साथ ही, सभी सप्लाई और ट्रांसमिशन जोन में एरियर घोटाले की जांच करने की भी मांग की गई है।
कर्मचारी उन स्थानों पर एरियर का भुगतान सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं, जहां एरियर का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
यह हड़ताल झारखंड सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं, तो इससे बिजली की आपूर्ति में गंभीर समस्या आ सकती है। आम जनता को इससे काफी परेशानी होगी।
कर्मचारी यह महसूस कर रहे हैं कि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उनका कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो वे हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे।
इस स्थिति में झारखंड सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। अन्यथा, राज्य में बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है।
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