Jharkhand Initiative: टीपीएस डीएवी में लॉन्च हुआ कानूनी साक्षरता क्लब, जानिए क्यों है यह खास!

टीपीएस डीएवी में झारखंड का पहला कानूनी साक्षरता क्लब लॉन्च, जहां छात्रों को उनके अधिकारों और कानूनों की जानकारी दी जाएगी। जानिए इस क्लब का महत्व और इससे होने वाले फायदों के बारे में।

Feb 23, 2025 - 14:52
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Jharkhand Initiative: टीपीएस डीएवी में लॉन्च हुआ कानूनी साक्षरता क्लब, जानिए क्यों है यह खास!
Jharkhand Initiative: टीपीएस डीएवी में लॉन्च हुआ कानूनी साक्षरता क्लब, जानिए क्यों है यह खास!

झारखंड: कानून की जानकारी न होना अक्सर बड़ी समस्याओं को जन्म देता है, लेकिन अब झारखंड के छात्रों को अपने अधिकारों और कानूनों की पूरी समझ मिलेगीटीपीएस डीएवी स्कूल में झारखंड का कानूनी साक्षरता क्लब (Legal Literacy Club) वर्चुअल रूप से लॉन्च किया गया। यह उद्घाटन झालसा सभागार, न्याय सदन, रांची से किया गया, जिसमें झारखंड हाईकोर्ट के प्रमुख न्यायाधीशों और कानूनी विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस क्लब के जरिए बाल विवाह, एंटी-रैगिंग, वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार और महिलाओं की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर छात्रों को जागरूक किया जाएगा।

कानूनी साक्षरता क्लब की जरूरत क्यों पड़ी?

भारत में कई नागरिक अपने मौलिक अधिकारों और कानूनों से अनजान होते हैं, जिससे वे अन्याय का शिकार हो जाते हैं। खासतौर पर स्कूल और कॉलेज के छात्रों को अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी नहीं होती, जिससे वे रैगिंग, बाल विवाह, दहेज उत्पीड़न जैसी समस्याओं का विरोध नहीं कर पाते। इसी को देखते हुए झारखंड में पहली बार स्कूल स्तर पर कानूनी साक्षरता क्लब की शुरुआत की गई है, ताकि छात्रों को कानून की मूलभूत जानकारी मिले और वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकें

कार्यक्रम में कौन-कौन रहा मौजूद?

इस भव्य उद्घाटन समारोह में झारखंड उच्च न्यायालय के कई वरिष्ठ न्यायाधीश और कानूनी विशेषज्ञ शामिल हुए:

  • मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव (संरक्षक, झालसा)
  • न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद (कार्यकारी अध्यक्ष, झालसा)
  • न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय (अध्यक्ष, एचसीएलएससी)
  • न्यायमूर्ति विकास कुमार भगत (सिविल जज, जूनियर डिविजन, घाटशिला/बहरागोड़ा)

इसके अलावा, कार्यक्रम में स्कूल के चेयरपर्सन डॉ. बिनी षड़ंगी, प्रधानाचार्य मुकेश कुमार, शिक्षक, वकील और कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

छात्रों को मिलेगा कानूनी शिक्षा का लाभ

क्लब की सदस्यता कक्षा 9 से 12 तक के 30 छात्रों को दी गई, जिन्हें महत्वपूर्ण कानूनी विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। क्लब के जरिए छात्रों को अपने अधिकारों की रक्षा करने, कानून को समझने और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा मिलेगी

विशेष रूप से इन मुद्दों पर दी जाएगी जानकारी:

  • बाल विवाह का विरोध और रोकथाम
  • महिलाओं की सुरक्षा और दहेज उत्पीड़न के खिलाफ कानूनी अधिकार
  • रैगिंग से बचाव और इससे संबंधित कानून
  • वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार और उनकी सुरक्षा

इतिहास में पहली बार झारखंड में हुआ ऐसा आयोजन

भारत में लीगल लिटरेसी क्लब (Legal Literacy Club) की अवधारणा नई नहीं है, लेकिन झारखंड में यह पहली बार किसी स्कूल में शुरू किया गया है। कानूनी जागरूकता अभियान की शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी, लेकिन तब यह केवल कानूनी पेशेवरों और वयस्कों तक ही सीमित थी। अब इसे छात्रों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे आने वाली पीढ़ी कानूनी रूप से सशक्त बन सके

क्या कानूनी साक्षरता भारत में जरूरी है?

  • देश की 70% से अधिक आबादी को बुनियादी कानूनी जानकारी नहीं है
  • रैगिंग, दहेज उत्पीड़न और बाल विवाह जैसी कुप्रथाएं अब भी जारी हैं
  • कई लोग पुलिस और कोर्ट से डरकर अपने अधिकारों की लड़ाई नहीं लड़ते

स्कूल प्रशासन और छात्रों की प्रतिक्रिया

टीपीएस डीएवी के प्रधानाचार्य मुकेश कुमार ने कहा,
"हमारा लक्ष्य सिर्फ शिक्षा देना नहीं, बल्कि छात्रों को एक जागरूक नागरिक बनाना है। कानूनी साक्षरता क्लब से उन्हें अपने अधिकारों और कानून की जानकारी मिलेगी, जिससे वे न केवल खुद को, बल्कि दूसरों को भी न्याय दिलाने में मदद कर सकेंगे।"

छात्रों ने भी इस पहल को एक क्रांतिकारी कदम बताया, जिससे वे अपनी और समाज की सुरक्षा के लिए जागरूक हो सकेंगे

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।