Jharkhand Tragedy : करंट से 7 साल के मासूम की मौत, गांव में मातम और आक्रोश

झारखंड के टियूनिया गांव में 7 वर्षीय रविन्द्र महतो की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद पूरे गांव में मातम छा गया और ग्रामीणों ने बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल उठाए।

Aug 18, 2025 - 17:02
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Jharkhand Tragedy : करंट से 7 साल के मासूम की मौत, गांव में मातम और आक्रोश
Jharkhand Tragedy : करंट से 7 साल के मासूम की मौत, गांव में मातम और आक्रोश

Jharkhand Tragedy : झारखंड के रामगढ़ जिले के टियूनिया गांव में सोमवार दोपहर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को गहरे सदमे में डाल दिया। सात वर्षीय मासूम रविन्द्र महतो की करंट लगने से मौत हो गई। मासूम की मौत के बाद गांव में शोक की लहर फैल गई है, वहीं परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा।

कैसे हुआ हादसा?

जानकारी के अनुसार, रविन्द्र महतो घर में खेल रहा था। इसी दौरान उसने कमरे में रखे पंखे को चलाने की कोशिश की। पंखे पर गीला कपड़ा डाला हुआ था। जैसे ही बच्चे ने स्विच ऑन किया, वह करंट की चपेट में आ गया और जोर से झटके खाकर गिर पड़ा। चीख-पुकार सुनकर परिजन दौड़े और तुरंत मेन स्विच बंद किया।

गंभीर रूप से झुलसे बच्चे को आनन-फानन में सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

गांव में शोक और आक्रोश

मासूम की मौत के बाद पूरे गांव में मातम छा गया। ग्रामीणों की आंखों में आंसू और दिलों में गुस्सा दोनों दिखाई दिया। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा सिर्फ एक घरेलू दुर्घटना नहीं है, बल्कि बिजली विभाग की लापरवाही का नतीजा है।

उनका आरोप है कि विभाग की ओर से नियमित रूप से तारों और उपकरणों की जांच नहीं की जाती। यदि समय-समय पर सुरक्षा जांच होती, तो शायद यह हादसा टल सकता था।

मुआवजे की मांग

गांववालों ने सरकार और प्रशासन से मृतक के परिवार को मुआवजा देने की मांग उठाई है। ग्रामीणों का कहना है कि गरीब परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, और अब इस हादसे ने उनका सब कुछ छीन लिया।

बिजली विभाग पर सवाल

यह घटना एक बार फिर से बिजली सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। गांवों में खुले तार, पुराने उपकरण और सुरक्षा मानकों की अनदेखी आए दिन बड़े हादसों को जन्म दे रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि बिजली विभाग तुरंत गांव में जांच करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।


झारखंड का यह हादसा इस बात का सबूत है कि बिजली जैसी जरूरी सुविधा अगर लापरवाही से दी जाए, तो वह लोगों के लिए मौत का सबब भी बन सकती है। सात साल के मासूम की मौत ने पूरे गांव को झकझोर दिया है और अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि क्या प्रशासन और बिजली विभाग कोई ठोस कदम उठाते हैं या नहीं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।