Jamshedpur Earth Day : जेवियर पब्लिक स्कूल में पृथ्वी दिवस का भव्य आयोजन, छात्रों ने रचे पर्यावरण संरक्षण के अनूठे तरीके
जमशेदपुर के जेवियर पब्लिक स्कूल में पृथ्वी दिवस पर आयोजित हुए विशेष कार्यक्रम, जहां छात्रों ने नाटक, कविता, पोस्टर प्रतियोगिता और वृक्षारोपण से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

जमशेदपुर के छोटा गोविंदपुर स्थित जेवियर पब्लिक स्कूल में 22 अप्रैल 2025 को विश्व पृथ्वी दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर स्कूल ने छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
1. प्रेरक भाषण के साथ शुभारंभ:
- पर्यावरण विशेषज्ञ द्वारा छात्रों को संबोधित किया गया
- पृथ्वी के प्रति हमारी जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला गया
- "हमारी हर गतिविधि का पृथ्वी पर प्रभाव" विषय पर चर्चा
2. रचनात्मक प्रतियोगिताएं:
- पोस्टर मेकिंग: छात्रों ने "सेव अवर अर्थ" थीम पर रंग-बिरंगे पोस्टर बनाए
- नाटक प्रस्तुति: पर्यावरण संरक्षण पर आधारित शिक्षाप्रद नाटक
- कविता पाठ: छात्रों ने स्वरचित कविताओं से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया
3. वृक्षारोपण अभियान:
- स्कूल परिसर में 50 से अधिक पौधे लगाए गए
- प्रत्येक कक्षा को एक पौधे की जिम्मेदारी सौंपी गई
- "एक छात्र-एक पौधा" की अवधारणा को बढ़ावा दिया गया
छात्रों की सक्रिय भागीदारी
- कक्षा 6-8 के छात्रों ने प्लास्टिक मुक्त परिसर के लिए जागरूकता रैली निकाली
- सीनियर छात्रों ने "वेस्ट टू वंडर" प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया
- छात्राओं ने पुराने कपड़ों से बने थैले वितरित कर प्लास्टिक के उपयोग को कम करने का संदेश दिया
शिक्षकों और विशेषज्ञों के विचार
विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती रीता शर्मा ने कहा,
"हमारा उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम पढ़ाना नहीं, बल्कि छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनाना भी है। आज के ये छात्र कल के नीति निर्माता होंगे, इसलिए पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।"
पर्यावरणविद् डॉ. अरुण कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा,
"पृथ्वी दिवस मनाने का वास्तविक अर्थ तभी सार्थक होगा जब हम इसे दैनिक जीवन में अपनाएं। छोटी-छोटी आदतें जैसे पानी बचाना, बिजली का सदुपयोग और कचरा प्रबंधन बड़े बदलाव ला सकते हैं।"
पृथ्वी दिवस का ऐतिहासिक संदर्भ
- विश्व पृथ्वी दिवस की शुरुआत 1970 में हुई
- 193 देशों द्वारा प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है
- भारत में पहली बार 1980 के दशक में मनाने की शुरुआत हुई
- 2025 की थीम: "प्लैनेट वर्सेस प्लास्टिक्स"
छात्रों की प्रतिक्रियाएं
कक्षा 9 की छात्रा प्रियंका ने बताया,
"हमने पोस्टर बनाकर दिखाया कि कैसे एक प्लास्टिक की बोतल 450 साल तक नष्ट नहीं होती। यह जानकर मैंने प्रण किया है कि अब प्लास्टिक का उपयोग नहीं करूंगी।"
कक्षा 7 के छात्र आर्यन ने कहा,
"मैंने अपने लगाए पौधे का नाम 'ग्रीन वॉरियर' रखा है और प्रतिदिन उसकी देखभाल करूंगा।"
भविष्य की योजनाएं
विद्यालय प्रबंधन ने घोषणा की कि वे:
- मासिक पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे
- स्कूल को पूर्णतः प्लास्टिक मुक्त बनाएंगे
- सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहे हैं
- जल संरक्षण हेतु रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाएंगे
समापन समारोह
कार्यक्रम का समापन:
- सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया
- सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए
- समूग गीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ
- छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली
इस आयोजन ने न केवल छात्रों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाया, बल्कि उन्हें व्यावहारिक समाधान भी सुझाए। विद्यालय का यह प्रयास सच्चे अर्थों में "स्कूल चले हम, धरती बचाए हम" की भावना को साकार करता है।
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