16 दिसंबर 2024: जामशेदपुर में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में मनरेगा, आवास और पंचायत राज विभाग की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। इस बैठक में योजनाओं के धीमे क्रियान्वयन पर चिंता व्यक्त करते हुए, कार्यों में तेजी लाने और निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए। विशेष रूप से विकास कार्यों में धीमी प्रगति पर पोटका के बीडीओ, बीपीओ और नाजिर को शो कॉज नोटिस जारी किया गया।
गांवों में जनजागरूकता बढ़ाने की जरूरत
इस बैठक में मुख्य रूप से उन योजनाओं की समीक्षा की गई जिनका उद्देश्य ग्रामीण विकास और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। जिला दण्डाधिकारी ने सभी बीडीओ और बीपीओ को निर्देशित किया कि पंचायतों में बने ज्ञान केन्द्रों के बारे में जनजागरूकता बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों में प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें भी उपलब्ध हैं, जिससे छात्र-छात्राएं लाभ उठा सकते हैं।
मनरेगा और आवास योजनाओं की समीक्षा
मनरेगा योजनाओं के तहत किए जा रहे कार्यों की प्रगति पर विशेष ध्यान दिया गया। जिला दण्डाधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बीडीओ और बीपीओ को यह निर्देश भी दिया कि सभी पंचायतों में कम से कम 5 योजनाएं प्रतिदिन चलायी जाएं और 2017-18 तक की पुरानी योजनाओं को प्राथमिकता के साथ समाप्त किया जाए। इसके साथ ही, पौधारोपण योजनाओं में शत-प्रतिशत फेंसिंग करने का आदेश दिया गया।
आवास योजनाओं में शिथिलता पर नाराजगी
जिला दण्डाधिकारी ने आवास योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन लाभार्थियों के आवास निर्माण कार्य में शिथिलता देखी जा रही है, उन्हें तत्काल नोटिस जारी करें और कार्य में तेजी लाएं। अबुआ आवास योजना के तहत पोटका में लंबित किस्तों पर नाराजगी जताते हुए बीडीओ पोटका को शो कॉज किया गया। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत आवासों के लंबित किस्तों का भुगतान 18 दिसंबर 2024 से पहले किया जाए।
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना पर भी चर्चा
बैठक में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना पर भी चर्चा की गई। जिला दण्डाधिकारी ने निर्देश दिया कि इस योजना के तहत लाभार्थियों के शेड निर्माण के लिए कार्रवाई की जाए और सभी पंचायतों में योजना अभिलेख तथा 7 रजिस्टर को अपडेट रखा जाए।
पंचायती राज विभाग की योजनाओं में सुधार की जरूरत
पंचायती राज विभाग की योजनाओं की समीक्षा में यह पाया गया कि कुछ पंचायतों में 15वें वित्त आयोग के तहत निर्धारित व्यय लक्ष्य को पूरा नहीं किया गया है। जिला दण्डाधिकारी ने 31 दिसंबर तक 60 प्रतिशत व्यय का लक्ष्य निर्धारित किया और इस पर नियमित समीक्षा करने का निर्देश दिया।
जागरूकता अभियान में तेजी लाने का निर्देश
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पंचायतों में ज्ञान केन्द्रों के माध्यम से सरकारी योजनाओं और उनके लाभ के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी। इन केन्द्रों का उद्देश्य न केवल शिक्षा में मदद करना है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास की गति को भी तेज करना है।जामशेदपुर में हुई यह समीक्षा बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि सरकार की योजनाओं को सही तरीके से लागू करना और जनता को इससे जोड़ना अत्यंत जरूरी है। जिला दण्डाधिकारी श्री अनन्य मित्तल ने विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए सभी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं, ताकि ग्रामीण इलाकों में लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और सभी सरकारी योजनाओं का लाभ सही ढंग से पहुंचे।
यह बैठक न केवल सरकारी कार्यों की समीक्षा के लिए थी, बल्कि यह एक संदेश भी देती है कि विकास कार्यों में कोई भी शिथिलता स्वीकार नहीं की जाएगी।