Parsudih Panic: हिट एंड रन का कहर! जमशेदपुर में अंचल कार्यालय के सामने तेज रफ्तार कार ने ऑटो को मारी टक्कर, 42 वर्षीय ऑटो चालक छोटू कर्मकार की दर्दनाक मौत, परिवार में मातम और भूखमरी का डर
जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र में अंचल कार्यालय के पास तेज रफ्तार कार ने एक ऑटो को जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में बाबूडीह के रहने वाले चालक छोटू कर्मकार गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के लिए रिम्स ले जाते समय उनकी मौत हो गई। कार चालक मौके से फरार हो गया है। छोटू परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे।
जमशेदपुर की सड़कों पर एक बार फिर से तेज रफ्तार का कहर बरसा है, जिसने एक परिवार के एकमात्र सहारे को हमेशा के लिए छीन लिया। परसुडीह थाना अंतर्गत अंचल कार्यालय के ठीक सामने सोमवार की दोपहर हुए एक दर्दनाक हिट एंड रन हादसे में 42 वर्षीय ऑटो चालक छोटू कर्मकार की मौत हो गई। यह घटना शहर में बढ़ती सड़क लापरवाही और जिम्मेदार चालकों की फरार होने की प्रवृत्ति पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
बाबूडीह लालभट्टा निवासी छोटू कर्मकार अपने तीन साथियों के साथ ऑटो से हाता की ओर जा रहे थे। तभी सामने से आ रही एक तेज रफ्तार कार ने ऑटो को इतनी जोरदार टक्कर मारी कि छोटू गंभीर रूप से घायल हो गए। हालांकि, उनके एक साथी दिलीप को हल्की चोटें आईं। लेकिन हादसे के बाद जिस तरह टक्कर मारने वाला कार चालक मौके से फरार हो गया, उसने लोगों के गुस्से को और भड़का दिया।
सदर से रिम्स: जिंदगी और मौत की जंग
स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए घायल छोटू और दिलीप को इलाज के लिए तुरंत सदर अस्पताल पहुंचाया। लेकिन छोटू की हालत की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें सीधे एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया। एमजीएम में भी बेहतर इलाज के लिए उन्हें रांची स्थित रिम्स भेजा गया।
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दर्दनाक अंजाम: हालांकि, इलाज की यह दौड़ छोटू की जिंदगी नहीं बचा सकी। जांच के बाद रिम्स के डॉक्टरों ने छोटू कर्मकार को मृत घोषित कर दिया। इस मौत से छोटू का परिवार टूट गया है। वह पेशे से चालक थे और अपने परिवार के एकमात्र कमाई वाले सदस्य थे। उनके दो छोटे बच्चे हैं, जिनके भविष्य को लेकर पूरा परिवार गहरे मातम और चिंता के माहौल में डूब गया है।
फरार चालक की तलाश और आर्थिक मदद की मांग
परसुडीह पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सबसे बड़ी चुनौती फरार हुई कार और उसके चालक को पकड़ना है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि वाहन की पहचान की जा सके। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
स्थानीय लोगों और परिजनों ने प्रशासन से कड़ी मांग की है कि दोषी वाहन चालक को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही, चूंकि छोटू अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे, इसलिए पीड़ित परिवार को सरकारी स्तर पर पर्याप्त आर्थिक सहायता दिए जाने की भी जोरदार मांग उठाई गई है। यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा के सवाल को जमशेदपुर की प्राथमिकताओं में शीर्ष पर ला खड़ा करता है।
आपकी राय में, झारखंड में हिट एंड रन के मामलों को रोकने और पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए पुलिस और परिवहन विभाग को कौन से दो सबसे प्रभावी और तकनीकी कदम उठाने चाहिए?
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