Jamshedpur Exchange – पुराने कटे-फटे नोट बदलने के लिए लगी भीड़, बैंक ऑफ बड़ौदा का बड़ा कदम!

जमशेदपुर के बिस्टुपुर बाजार में बैंक ऑफ बड़ौदा ने पुराने और कटे-फटे नोटों को बदलने के लिए शिविर लगाया। जानें, क्यों जरूरी है यह प्रक्रिया और कैसे RBI इसे पूरे देश में लागू कर सकता है?

Feb 28, 2025 - 17:32
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Jamshedpur Exchange – पुराने कटे-फटे नोट बदलने के लिए लगी भीड़, बैंक ऑफ बड़ौदा का बड़ा कदम!
Jamshedpur Exchange – पुराने कटे-फटे नोट बदलने के लिए लगी भीड़, बैंक ऑफ बड़ौदा का बड़ा कदम!

जमशेदपुर: क्या आपके पास भी कटे-फटे पुराने नोट हैं, जिन्हें कोई लेने को तैयार नहीं? अगर हां, तो बैंक ऑफ बड़ौदा ने आपके लिए एक सुनहरा मौका दिया! बिस्टुपुर बाजार में आज एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया, जहां व्यापारियों और आम जनता को उनके पुराने, कटे-फटे नोटों के बदले नए नोट दिए गए। इस शिविर में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और अपने पुराने नोटों को बदलकर राहत की सांस ली। लेकिन यह प्रक्रिया आखिर क्यों जरूरी हो गई? रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) इसके पीछे क्या रणनीति बना रहा है? आइए, जानते हैं पूरी खबर!

बाजार में क्यों बढ़ी कटे-फटे नोटों की समस्या?

भारत में हर साल हजारों करोड़ रुपये के नोट खराब हो जाते हैं, जिनमें से अधिकतर व्यापारियों और आम जनता के पास रह जाते हैं।
मुद्रास्फीति और लगातार नोटों के इस्तेमाल से उनकी गुणवत्ता खराब होती है।
गलती से नोट कट या फट जाने के कारण लोग उन्हें लेने से हिचकिचाते हैं।
बाजार में खुल्ले पैसों की समस्या के कारण छोटे व्यापारी और दुकानदार परेशान रहते हैं।

इसी समस्या को हल करने के लिए RBI ने पुराने और कटे-फटे नोटों को बदलने की नीति अपनाई है, जिससे बाजार में नए नोटों का प्रवाह बना रहे और व्यापारियों को असुविधा न हो।

बिस्टुपुर में क्यों लगाया गया यह शिविर?

बिस्टुपुर जमशेदपुर का एक प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है, जहां हर दिन करोड़ों रुपये का लेन-देन होता है। छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को अक्सर कटे-फटे और पुराने नोटों से जूझना पड़ता है, जिन्हें बैंक में जाकर बदलना उनके लिए मुश्किल भरा होता है। यही कारण है कि बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा ने यह शिविर आयोजित किया, ताकि व्यापारियों को आसानी से नए नोट उपलब्ध कराए जा सकें।

बैंक ऑफ बड़ौदा, बिस्टुपुर के मुख्य प्रबंधक पुष्पेंद्र कुमार ने बताया,
"रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार, पुराने और कटे-फटे नोटों को बाजार से हटाने और नए नोटों को प्रचलन में लाने के लिए यह शिविर आयोजित किया गया। इससे व्यापारियों को लेन-देन में आसानी होगी और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।"

शिविर में उमड़ी भीड़, सिक्कों की भी रही मांग!
 
सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग बिस्टुपुर बाजार में लगे इस शिविर में अपने पुराने नोट बदलवाने पहुंचे।
 व्यापारियों ने सिर्फ नोट ही नहीं, बल्कि छोटे लेन-देन के लिए खुले पैसे और सिक्कों की भी मांग की।
 बैंक ने 100, 50, 20 और 10 रुपये के नए नोट और सिक्के उपलब्ध कराए, जिससे छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिली।
मिठाई, किराना, फल-सब्जी और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए छोटे नोटों की सुविधा सबसे ज्यादा फायदेमंद रही।

RBI का बड़ा प्लान – क्यों जरूरी है यह कदम?

क्या आप जानते हैं कि हर साल हजारों करोड़ रुपये के पुराने नोट नष्ट कर दिए जाते हैं?
RBI की नीति के अनुसार, जो नोट ज्यादा कट-फट जाते हैं या चलन में नहीं रहते, उन्हें धीरे-धीरे बाजार से हटा दिया जाता है।
नए नोटों की छपाई और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर ऐसे एक्सचेंज प्रोग्राम चलाए जाते हैं।
इससे नकली नोटों पर भी लगाम लगती है, क्योंकि नए नोटों में ज्यादा सुरक्षा फीचर्स होते हैं।

बैंक प्रबंधक पुष्पेंद्र कुमार के साथ इस अभियान में श्री तरुण कुमार दत्ता का भी सक्रिय योगदान रहा, जिन्होंने व्यापारियों को नोट एक्सचेंज प्रक्रिया को लेकर जागरूक किया।

 तो अब आपके पास क्या विकल्प हैं?

अगर आपके पास भी पुराने, कटे-फटे नोट हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं!
अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाकर इन्हें बदल सकते हैं।
RBI द्वारा अधिकृत एक्सचेंज शिविरों की जानकारी बैंक से ले सकते हैं।
छोटे लेन-देन के लिए हमेशा खुले पैसे या सिक्के अपने पास रखें, ताकि व्यापार में दिक्कत न हो।

बैंक ऑफ बड़ौदा के इस कदम से जमशेदपुर के व्यापारियों और आम जनता को बड़ी राहत मिली है। लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसे एक्सचेंज शिविर लगातार आयोजित किए जाएंगे, या फिर लोगों को पुराने नोटों की समस्या से बार-बार जूझना पड़ेगा?

 निष्कर्ष – क्या RBI करेगा इस योजना को पूरे देश में लागू?

 बिस्टुपुर बाजार में इस शिविर के बाद लोगों ने राहत की सांस ली, क्योंकि अब वे बिना किसी परेशानी के पुराने नोट बदलवा सके।
अगर RBI इस योजना को देशभर में लागू करता है, तो व्यापारियों और आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी।
बाजार में नए नोटों का प्रवाह बढ़ेगा और छोटे लेन-देन में सहूलियत मिलेगी।

अब देखना यह होगा कि क्या जमशेदपुर के अन्य बाजारों में भी इसी तरह के एक्सचेंज शिविर लगाए जाएंगे, या फिर यह पहल सिर्फ एक दिन की औपचारिकता बनकर रह जाएगी?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।