Jamshedpur Mystery Case: 27 दिन से युवक लापता या हिरासत में? परिजनों ने उठाए गंभीर सवाल!

जमशेदपुर के परसुडीह में पुलिस हिरासत में लिया गया युवक 27 दिन से लापता! परिवार का आरोप—रिहाई के बदले पैसों की मांग। जानें पूरा मामला।

Feb 6, 2025 - 13:25
Feb 6, 2025 - 14:05
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Jamshedpur Mystery Case: 27 दिन से युवक लापता या हिरासत में? परिजनों ने उठाए गंभीर सवाल!
Jamshedpur Mystery Case: 27 दिन से युवक लापता या हिरासत में? परिजनों ने उठाए गंभीर सवाल!

जमशेदपुर: परसुडीह थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 27 दिन पहले हिरासत में लिया गया युवक अनिमेष महतो अब तक वापस नहीं लौटा, जिससे उसके परिजन बेहद चिंतित हैं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने अनिमेष को ब्राउन शुगर मामले में पूछताछ के लिए उठाया था, लेकिन ना उसे जेल भेजा गया और ना ही छोड़ा गया। अब पुलिस पर रिहाई के बदले पैसों की मांग करने के आरोप लगाए जा रहे हैं, जिससे मामला और अधिक संदिग्ध बन गया है।

आखिर कहां है अनिमेष महतो? 27 दिन से घरवालों को नहीं मिली कोई जानकारी!

परिजनों के अनुसार, 10 जनवरी को परसुडीह थाना पुलिस ने अनिमेष महतो को विद्यासागर पल्ली महतो मैरेज हॉल के पास से हिरासत में लिया था। पुलिस का कहना था कि ब्राउन शुगर मामले में पूछताछ करनी है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक न तो अनिमेष को छोड़ा गया और न ही उसे जेल भेजा गया

अनिमेष की बहन प्रिया महतो ने बताया कि जब वे थाने में भाई से मिलने जाती हैं, तो पुलिस उसे छोड़ने के बदले पैसे मांगने की बात करती है। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है और उनके दादा मनमत महतो हृदय रोग से ग्रस्त हैं, ऐसे में वे इतनी बड़ी रकम नहीं दे सकते।

कानून क्या कहता है? पुलिस पर क्यों उठ रहे सवाल?

भारतीय कानून के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को अधिकतम 24 घंटे तक हिरासत में रखा जा सकता है। इसके बाद या तो उसे जमानत देनी होती है या फिर अदालत में पेश करना होता है। लेकिन यहां मामला अलग है—10 जनवरी से अनिमेष थाने में ही रखा गया है, और न तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई, न ही उसे छोड़ा गया

यही कारण है कि पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।

क्या पहले भी अनिमेष पर कोई मामला था?

प्रिया महतो के अनुसार, अनिमेष को पहले भी ब्राउन शुगर मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसीलिए संभावना जताई जा रही है कि पुराने केस के चलते ही उसे दोबारा हिरासत में लिया गया। हालांकि, परिजनों का दावा है कि अनिमेष के पास से इस बार कुछ भी बरामद नहीं हुआ

पुलिस की चुप्पी क्यों? पारदर्शिता की मांग बढ़ी

परिजनों के आरोपों के बाद भी थाना प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। सवाल यह है कि—

  1. अगर अनिमेष दोषी है, तो उसे अब तक जेल क्यों नहीं भेजा गया?
  2. अगर वह निर्दोष है, तो उसे रिहा क्यों नहीं किया गया?
  3. परिजनों के मुताबिक, अगर वाकई में पैसे मांगे जा रहे हैं, तो इसकी जांच कौन करेगा?

स्थानीय लोगों में बढ़ रही बेचैनी, जांच की मांग!

यह मामला अब स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। कई लोगों का मानना है कि अगर जल्द ही स्थिति स्पष्ट नहीं हुई, तो पुलिस की छवि पर सवाल और बढ़ सकते हैं

परसुडीह थाना क्षेत्र में अनिमेष महतो की संदिग्ध हिरासत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिस नियमों के खिलाफ जाकर उसे बिना किसी औपचारिक प्रक्रिया के थाने में रखे हुए है? या फिर इस पूरे मामले में कुछ ऐसा है, जो अब तक सामने नहीं आया?

अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में क्या स्पष्टीकरण देती है और क्या अनिमेष को जल्द ही रिहा किया जाता है?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।