Jamshedpur Statement: मंत्री के बयान से बवाल, 86 बस्तियों के लोगों ने जताया आक्रोश!
झारखंड सरकार के मंत्री दीपक बिरुआ के बयान से विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने इसे गरीबों का अपमान बताया और सरकार से माफी की मांग की। जानिए पूरा मामला।

झारखंड की राजनीति में मंत्री दीपक बिरुआ के बयान ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। मंत्री द्वारा विधानसभा में जमशेदपुर की 86 बस्तियों में रहने वाले लाखों गरीबों, दलितों और आदिवासियों को "अतिक्रमणकारी" कहे जाने से भारी नाराजगी फैल गई है। विपक्षी दल भाजपा ने इसे न सिर्फ जनता का अपमान बताया, बल्कि सरकार की दोहरे चरित्र वाली राजनीति का पर्दाफाश करने वाला बयान करार दिया।
रविवार को भाजपा के सात मंडल अध्यक्षों की बैठक में इस बयान की कड़ी निंदा की गई। बैठक की अध्यक्षता बर्मामाइंस मंडल अध्यक्ष सूरज सिंह ने की, जहां भाजपा नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह बयान वापस नहीं लिया गया और गरीबों को मालिकाना हक नहीं दिया गया, तो 86 बस्तियों के हजारों लोग सड़कों पर उतरकर निर्णायक संघर्ष करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
झारखंड सरकार में मंत्री दीपक बिरुआ ने हाल ही में विधानसभा में बयान दिया कि जमशेदपुर की 86 बस्तियों में रहने वाले लोग अतिक्रमणकारी हैं। उनके इस बयान से बस्तियों में रह रहे लाखों गरीबों और मेहनतकश परिवारों में आक्रोश फैल गया।
भाजपा नेताओं का कहना है कि झामुमो-कांग्रेस गठबंधन ने चुनाव से पहले इन्हीं बस्तियों के लोगों से मालिकाना हक देने का वादा किया था। यहां तक कि झामुमो विधायक कल्पना सोरेन ने भी आश्वासन दिया था कि सरकार बनते ही बस्तीवासियों को मालिकाना हक मिलेगा। लेकिन अब वही सरकार उन्हीं लोगों को अवैध बताकर हटाने की धमकी दे रही है।
भाजपा ने सरकार से पूछे तीखे सवाल
बैठक में भाजपा नेताओं ने सरकार से कई सवाल पूछे:
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अगर ये बस्तियां अवैध हैं तो सरकार ने यहां पुलिस थाने, सरकारी स्कूल और अस्पताल क्यों बनवाए?
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चुनाव के समय किए गए वादों को सत्ता में आते ही क्यों भुला दिया गया?
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क्या झामुमो और कांग्रेस का असली चेहरा यही है – चुनाव से पहले झूठे वादे करो और फिर जनता को दुत्कार दो?
भाजपा ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अपने वादे से मुकरने की कोशिश की, तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी।
क्या है 86 बस्तियों का इतिहास?
जमशेदपुर की ये 86 बस्तियां दशकों से यहां बसी हुई हैं। यहां रहने वाले लोग झारखंड की संस्कृति और पहचान का हिस्सा हैं। भाजपा का दावा है कि जब 2005 में झारखंड में भाजपा सरकार थी, तब इन बस्तियों को टाटा लीज से बाहर किया गया। फिर 2018 में भाजपा सरकार ने इन्हें लीज देने का प्रावधान किया। लेकिन अब जनता सिर्फ लीज नहीं, बल्कि मालिकाना हक चाहती है।
भाजपा का आंदोलन की चेतावनी
भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर मंत्री दीपक बिरुआ अपने बयान पर माफी नहीं मांगते और बस्तीवासियों को मालिकाना हक देने की आधिकारिक घोषणा नहीं होती, तो भाजपा बड़े आंदोलन की तैयारी करेगी।
भाजपा नेताओं ने कहा कि गरीबों के धैर्य की परीक्षा न ली जाए। यदि सरकार जनता के साथ धोखा करती रही, तो 86 बस्तियों के हजारों लोग भाजपा के नेतृत्व में सड़कों पर उतरेंगे और सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ेंगे।
बैठक में बिरसानगर मंडल अध्यक्ष बबलू गोप, गोलमुरी मंडल अध्यक्ष पप्पू उपाध्याय, टेल्को मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा, बारीडीह मंडल अध्यक्ष जीवन साहू, साकची पूर्वी मंडल अध्यक्ष युवराज सिंह सहित कई प्रमुख नेता शामिल रहे।
अब आगे क्या होगा?
भाजपा ने सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर गरीबों को मालिकाना हक नहीं मिला, तो झारखंड में राजनीतिक भूचाल आ सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार इस पर क्या फैसला लेती है और मंत्री दीपक बिरुआ अपने बयान पर क्या सफाई देते हैं?
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