Jamshedpur Tragedy: सीतारामडेरा में खाना बनाते समय महिला झुलसी, इलाज के दौरान मौत

जमशेदपुर के सीतारामडेरा में लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाते समय महिला झुलसी। जानिए हादसे की पूरी कहानी और आग से बचाव के जरूरी उपाय।

Jan 20, 2025 - 13:49
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Jamshedpur Tragedy: सीतारामडेरा में खाना बनाते समय महिला झुलसी, इलाज के दौरान मौत
Jamshedpur Tragedy: सीतारामडेरा में खाना बनाते समय महिला झुलसी, इलाज के दौरान मौत

जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के इंद्रानगर में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। 21 दिसंबर की रात खाना बनाते समय लकड़ी के चूल्हे से लगी आग में झुलसी 35 वर्षीय सरस्वती विश्वकर्मा ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है।

घटना का विवरण

सरस्वती विश्वकर्मा अपने घर में लकड़ी के चूल्हे पर खाना बना रही थीं, तभी उनकी साड़ी ने आग पकड़ ली। आग इतनी तेजी से फैली कि महिला गंभीर रूप से झुलस गईं। परिवार ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें एमजीएम अस्पताल पहुंचाया, लेकिन 18 दिसंबर की रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

सरस्वती अपने पीछे तीन छोटे बच्चों को छोड़ गई हैं। उनकी मौत के बाद परिवार गहरे शोक में डूबा हुआ है। उनके बच्चों और परिवार के सदस्यों के लिए यह अपूरणीय क्षति है।

आग से बचाव के लिए जागरूकता क्यों है जरूरी?

इस घटना ने आगजनी से बचाव के प्रति जागरूकता की कमी को उजागर किया है। अक्सर ऐसे हादसे गलतियों या लापरवाहियों के कारण होते हैं। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल हजारों लोग आगजनी की घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं।

आग लगने पर क्या करें?

  1. कंबल का इस्तेमाल करें: जैसे ही किसी के कपड़ों में आग लगे, तुरंत कंबल या मोटे कपड़े से आग को बुझाने की कोशिश करें।
  2. जमीन पर लोटें: पीड़ित को इधर-उधर भागने के बजाय जमीन पर लोटने के लिए कहें। इससे आग तेजी से बुझ सकती है।
  3. पानी का सही इस्तेमाल: जले हुए स्थान पर तुरंत ठंडा पानी डालें, लेकिन सावधान रहें कि यह खुले जले हुए घाव पर न पड़े।
  4. फौरन अस्पताल ले जाएं: प्राथमिक उपचार के बाद पीड़ित को तुरंत अस्पताल ले जाएं।

इतिहास में आगजनी और ग्रामीण रसोई का रिश्ता

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में लकड़ी के चूल्हे का इस्तेमाल आज भी बड़ी संख्या में होता है। यह परंपरा पर्यावरण के लिए भले ही हानिकारक हो, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए यह विकल्प अधिक किफायती है। हालांकि, इन चूल्हों से होने वाले हादसे बहुत आम हैं। सरकार द्वारा उज्ज्वला योजना जैसे प्रयासों के बावजूद, अभी भी ग्रामीण इलाकों में गैस चूल्हे का पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पाया है।

समाज की भूमिका

इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर प्रयास करना होगा।

  • जागरूकता अभियान: आग से बचाव और प्राथमिक उपचार के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए।
  • गैस चूल्हे का वितरण: गरीब परिवारों को गैस चूल्हा और गैस सिलेंडर सस्ते दरों पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
  • सुरक्षा प्रशिक्षण: स्कूलों और समुदायों में आग से बचाव का प्रशिक्षण देना चाहिए।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच जारी है। घटना के पीछे किसी भी प्रकार की लापरवाही की जांच की जा रही है।

सरस्वती विश्वकर्मा की दुखद मौत ने एक बार फिर से आगजनी से जुड़े जोखिमों और जागरूकता की कमी को सामने रखा है। यह घटना एक चेतावनी है कि समय रहते हम सभी को आग से बचाव के उपाय अपनाने होंगे।

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