जमशेदपुर: भाटिन मध्य विद्यालय के शिक्षकों ने चप्पल पहन कर जताया विरोध, शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक आदित्य रंजन के बयान पर नाराजगी
जमशेदपुर के भाटिन मध्य विद्यालय के शिक्षकों ने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक आदित्य रंजन के आपत्तिजनक बयान के विरोध में चप्पल पहन कर पढ़ाया। शिक्षक संघ ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक आदित्य रंजन के शिक्षकों के प्रति आपत्तिजनक बयान को लेकर शिक्षक संगठनों में गहरी नाराजगी है। भाटिन मध्य विद्यालय के शिक्षकों ने इस बयान के विरोध में स्कूल में चप्पल पहन कर पढ़ाया।
विरोध का कारण और प्रतिक्रिया
झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, पोटका-1 के जिला महासचिव सरोज लेंका ने निदेशक आदित्य रंजन के बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि निदेशक द्वारा शिक्षकों को चप्पल से मारने की धमकी देने वाला ऑडियो और वीडियो शिक्षकों की गरिमा के खिलाफ है और असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया है। सरोज लेंका ने इसे शिक्षकों का अपमान बताया और इस बयान की घोर निंदा की।
आंदोलनात्मक कार्यक्रम
संघ के सदस्यों ने विरोध स्वरूप प्रथम चरण के आंदोलनात्मक कार्यक्रम के तहत चप्पल पहन कर अपनी-अपनी शैक्षणिक गतिविधियाँ संचालित की। इसके अलावा, संघ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंपकर आदित्य रंजन को पद से हटाने की मांग करने का निर्णय लिया है।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख व्यक्ति
इस मौके पर प्रखंड सचिव अशोक कुमार सीट, प्रखंड अध्यक्ष आजम्बर सरदार, अजप्टियन दुर्गा चरण सोरेन, और दिनेश चंद्र भगत समेत अन्य सदस्य मौजूद थे। इन सभी ने मिलकर निदेशक के बयान की निंदा की और शिक्षकों के सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कही।
आगे की रणनीति
संघ ने आगे की रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया। यदि निदेशक आदित्य रंजन को पद से नहीं हटाया गया, तो संघ अन्य कड़े कदम उठाने पर विचार करेगा। शिक्षकों का कहना है कि वे अपने सम्मान के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।
भाटिन मध्य विद्यालय के शिक्षकों द्वारा इस अनूठे विरोध ने शिक्षा जगत में एक नई बहस छेड़ दी है। शिक्षकों का कहना है कि वे अपने सम्मान के लिए किसी भी प्रकार का अपमान सहन नहीं करेंगे और निदेशक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। इस घटनाक्रम ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि वे अपने अधिकारियों के बयानों पर नियंत्रण रखें और शिक्षकों का सम्मान बनाए रखें।
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