Jamshedpur Park: आमबगान मैदान पर संकट, बुलडोजर कार्रवाई के बावजूद फिर कब्जा
जमशेदपुर के ऐतिहासिक आमबगान मैदान का बुरा हाल! अतिक्रमण, अवैध गैराज और पार्किंग का अड्डा बन गया मैदान। विधायक सरयू राय ने उपायुक्त को लिखा पत्र। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर मंडराया अस्तित्व का संकट। जानें क्यों बार-बार लौट आता है कब्जा?
जमशेदपुर, 6 दिसंबर 2025 – इस्पात नगरी जमशेदपुर का ऐतिहासिक आमबगान मैदान आज अपनी पुरानी शोभा खो चुका है। यह मैदान कम और वाहनों का अड्डा अधिक लग रहा है। मैदान की वर्तमान स्थिति चिंता का विषय है, जहाँ अवैध गाड़ियाँ रखने की जगह के मालिकों ने अंदर ही दुकानें बना ली हैं। उनकी कारें और अन्य वाहन पूरे मैदान में यहाँ-वहाँ खड़े कर दिए गए हैं, जिसके चलते मैदान की पूरी जमीन पर कब्जा हो चुका है।
नेताजी की प्रतिमा पर अस्तित्व का संकट
मैदान की यह बिगड़ी हालत ऐतिहासिक महत्व को नजरअंदाज करती है। सबसे बड़ी चिंता का विषय तो यह है कि मैदान में स्थापित की गई महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर भी अस्तित्व का संकट मंडराने लगा है।
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इतिहास और सुंदरीकरण: यह प्रतिमा पहले जमशेदपुर पश्चिम के विधायक मृगेंद्र प्रताप सिंह की निधि से बनवाई गई थी। बाद में इसका सुंदरीकरण मौजूदा विधायक सरयू राय की निधि से हुआ था।
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पिछली कार्रवाई: इससे पहले उप-प्रमंडलीय अधिकारी सूरज कुमार के कार्यकाल में भी यहाँ अतिक्रमण हटाओ अभियान चला था। तब एक चर्चित वाहनों की मरम्मत करने की जगह के मालिक को हिरासत में लेकर चेतावनियाँ दी गई थीं। हटाए गए अतिक्रमण पर टाटा स्टील ने पार्क बनाने का कार्य भी शुरू किया था, मगर यह योजना अधूरी ही रह गई और कब्जा फिर से जमा लिया गया।
विधायक सरयू राय ने फिर उठाई मांग
जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने शनिवार को साकची स्थित आमबगान मैदान का खुद जायजा लिया। उन्होंने मैदान की खस्ताहालत पर गंभीर चिंता जताते हुए पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने मैदान को अवैध वाहन खड़ा करने की जगह, अवैध गाड़ियाँ रखने की जगह और अतिक्रमण का केंद्र बताते हुए इसे तुरंत हटाने की मांग की है।
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पर्यटन स्थल बनाने का सुझाव: विधायक राय ने उपायुक्त से अनुरोध किया है कि इस मैदान का नामकरण नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर किया जाए और इसे एक सुंदर स्मृति स्थल एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
नेताजी का गुप्त यात्रा विवरण
मैदान में लगी नेताजी की प्रतिमा के निकट उनकी गुप्त यात्रा का एक मार्ग विवरण भी अंकित है। यह विवरण दिखाता है कि कैसे नेताजी भेष बदलकर कोलकाता से गोमो पहुंचे और वहाँ से रेल से यात्रा करके देश से बाहर निकलकर जर्मनी चले गए थे। जर्मनी से सिंगापुर होते हुए जापान तक की उनकी यात्रा को यह विवरण दर्शाता है।
गौरतलब है कि पूर्व उपायुक्त अमिताभ कौशल ने भी अपने कार्यकाल में एक आदेश जारी करके मैदान में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद कब्जाधारियों ने फिर से अपनी गतिविधियां शुरू कर दीं। स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस निरीक्षण के दौरान विधायक के साथ थे।
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