Jamshedpur Agriculture Inspection : जमशेदपुर में कृषि योजनाओं का जोरदार निरीक्षण, किसानों को मिले नए अवसर!
जमशेदपुर में कृषि विभाग ने एग्री स्मार्ट ग्राम योजना का निरीक्षण किया। किसानों को नई योजनाओं और सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। पढ़ें पूरी खबर!
28 दिसम्बर 2024, जमशेदपुर:जमशेदपुर के कृषि विभाग ने क्षेत्रीय किसानों के लिए एक नई शुरुआत की है। जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार, जिला कृषि पदाधिकारी श्री विवेक बिरूआ ने आज प्रखंड क्षेत्र का दौरा कर कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन का निरीक्षण किया। इस दौरे में उन्होंने गोड़गोड़ा ग्राम, प्रखंड जमशेदपुर का विशेष निरीक्षण किया और किसानों को कृषि के नए अवसरों से अवगत कराया।
एग्री स्मार्ट ग्राम योजना का निरीक्षण
इस दौरे का प्रमुख उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवीकरण और विकास के प्रयासों का जायजा लेना था। श्री विवेक बिरूआ ने गोड़गोड़ा गांव में एग्री स्मार्ट ग्राम योजना का निरीक्षण किया। इस योजना के तहत, कृषि विभाग ने 100 किसानों को सब्जी बीज का कीट प्रदान किया और उनका मार्गदर्शन किया। कृषि पदाधिकारी ने बताया कि योजना के अंतर्गत किसानों को बेहतर बीजों और तकनीकी सहायता के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली फसलों की पैदावार करने का अवसर मिल रहा है।
श्री बिरूआ ने यह भी बताया कि 5 एचपी सोलर लिफ्ट सिंचाई के लिए स्थल का चयन कर लिया गया है। यह कदम किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात दिलाने में मदद करेगा, क्योंकि यह प्रणाली ऊर्जा की बचत करते हुए किसानों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगी।
NFSM योजना और सरसों की खेती
अगले कदम के रूप में, श्री विवेक बिरूआ ने NFSM योजना के तहत 70 किसानों को सरसों का बीज वितरित किया। यह योजना किसानों को अधिक उपज देने वाली किस्मों के बीज उपलब्ध कराती है, जिससे उनकी आमदनी में इज़ाफा हो सके। इसके अंतर्गत कुल 30 हेक्टेयर भूमि पर सरसों की खेती की जा रही है। उन्होंने 20 किसानों के खेतों का दौरा किया और वहां की फसलों का निरीक्षण किया।
इस दौरान, प्रगतिशील किसान नरेश किस्को ने उन्हें अपनी भूमि पर की गई नेपियर घास और थाई बैर की खेती दिखाते हुए बताया कि इनकी उत्पादकता अब फलोत्पादन की स्थिति में पहुंच चुकी है। श्री किस्को के द्वारा अपनाई गई आधुनिक कृषि तकनीक और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकता है।
प्राकृतिक कृषि संसाधन केंद्र की स्थापना
अधिकारी ने यह भी घोषणा की कि इस गांव में एक प्राकृतिक कृषि संसाधन केंद्र की स्थापना की जाएगी। इस केंद्र का उद्देश्य किसानों को जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षित करना है, जिससे वे बिना रासायनिक उर्वरकों के अधिक स्वस्थ और जैविक फसलें उगा सकें। साथ ही, मिनी कोल्ड स्टोरेज का निर्माण किया जाएगा, जिससे किसानों को अपनी उपज को बेहतर तरीके से संरक्षित करने का अवसर मिलेगा।
श्री बिरूआ ने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में मौजूदा समय में सरसों, बैगन, टमाटर, मूली, गाजर, गेंदा फूल और नेपियर घास जैसी कृषि फसलों की खेती की जा रही है। यह क्षेत्र अब एक समृद्ध कृषि केंद्र बनता जा रहा है, जहां किसानों को न केवल उन्नत तकनीक और बीज मिल रहे हैं, बल्कि उनके उत्पादों के लिए बेहतर बाजार की भी व्यवस्था की जा रही है।
कृषि के क्षेत्र में निरंतर विकास की ओर कदम
जमशेदपुर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि विभाग द्वारा किए गए इन प्रयासों से किसानों के लिए नई उम्मीदें जागी हैं। श्री विवेक बिरूआ और उनकी टीम ने यह सुनिश्चित किया कि योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन हो, जिससे किसानों को न केवल तकनीकी, बल्कि वित्तीय सहायता भी मिल सके।
इस दौरान प्रखंड के बीटीएम प्रबीर कुमार, सीआरपी राखल सोरेन, इजराइल प्रशिक्षु किसान नरेश किस्को और अन्य किसान उपस्थित रहे। इन सभी ने योजनाओं के सही क्रियान्वयन में अपनी भागीदारी निभाई और अपने अनुभवों को साझा किया।
इस दौरे ने यह साबित कर दिया कि जब सरकारी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन होता है, तो कृषि क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन संभव है। जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्रों में किसान अब अधिक आधुनिक और सस्टेनेबल खेती की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं। यदि ये योजनाएं इसी गति से चलती रहीं, तो आने वाले समय में यहां के किसानों को निश्चित रूप से एक नया मोड़ मिलेगा।
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