Ishan Kishan : ईशान किशन के लिए मुश्किल वक्त, तिवारी की सीख क्या बनाएगी करियर?
ईशान किशन और सौरभ तिवारी, दोनों झारखंड के क्रिकेटिंग सितारे, लेकिन करियर में संघर्ष, चोट औरConsistency ने उनके रास्ते को मुश्किल बनाया। क्या तिवारी की सीख किशन के करियर को बचा पाएगी? जानिए पूरी कहानी।

झारखंड, जहां से महेंद्र सिंह धोनी जैसे दिग्गज ने दुनिया के क्रिकेट पर राज किया, वहीं इस राज्य ने कई और प्रतिभाशाली क्रिकेटरों को जन्म दिया है। ईशान किशन और सौरभ तिवारी ऐसे ही दो नाम हैं, जो इस कठिन सफर से गुजरे हैं। लेकिन क्या टैलेंट ही सब कुछ होता है? या फिर भाग्य भी इसमें अहम भूमिका निभाता है?
तिवारी से मिली थी ईशान को सीख
ईशान किशन जब क्रिकेट के शुरुआती सफर में थे, तब सौरभ तिवारी ने उन्हें काफी गाइड किया। तिवारी, जो खुद एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे, ने भारतीय क्रिकेट में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा मौके नहीं मिले। ईशान को भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है—चोट, खराब फॉर्म और भारतीय क्रिकेट की कड़ी प्रतिस्पर्धा।
चोट और खराब फॉर्म बना दुश्मन
हैदराबाद में ईशान किशन को मैदान से बाहर जाते देखना उनके प्रशंसकों के लिए एक बड़ा झटका था। लगातार चोटों और खराब फॉर्म ने उनके करियर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आईपीएल से लेकर भारतीय टीम तक, किशन कीConsistency एक बड़ी समस्या बनी हुई है। यही हाल सौरभ तिवारी के साथ भी था। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन भारतीय टीम में खुद को लंबे समय तक नहीं बनाए रख सके।
झारखंड का क्रिकेट—संघर्ष और चुनौतियां
झारखंड में क्रिकेट का टैलेंट कभी भी कम नहीं रहा, लेकिन बुनियादी ढांचे और क्रिकेटिंग संस्कृति की कमी ने कई खिलाड़ियों के करियर को प्रभावित किया है। यहां के क्रिकेटर बड़े शहरों की तरह सुविधाओं का फायदा नहीं उठा पाते। ईशान और तिवारी दोनों को ही इस संघर्ष से गुजरना पड़ा।
क्या तिवारी का अनुभव किशन के काम आएगा?
सौरभ तिवारी अब क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं और कोचिंग की ओर बढ़ रहे हैं। उनकी यह भूमिका झारखंड के युवा खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद हो सकती है। ईशान किशन के लिए भी यह सीखने का सही मौका है कि कैसे लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट में बने रहना है। तिवारी की गलतियों से किशन सबक ले सकते हैं और अपने खेल को नए स्तर पर ले जा सकते हैं।
आगे क्या?
ईशान किशन के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती चोट से उबरकर अपने खेल में सुधार लाने की है। वहीं, सौरभ तिवारी की नजरें झारखंड के नए खिलाड़ियों को तराशने पर हैं। भारतीय क्रिकेट में टैलेंट बहुत है, लेकिन जोConsistency बनाए रख सकता है, वही लंबी रेस का घोड़ा बनता है।
फैंस की उम्मीद
झारखंड के फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि ईशान किशन जल्द ही वापसी करेंगे और अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। वहीं, तिवारी जैसे अनुभवी खिलाड़ी का मार्गदर्शन नए क्रिकेटर्स के लिए प्रेरणा बन सकता है। भाग्य और टैलेंट के इस खेल में देखना होगा कि झारखंड का अगला सितारा कौन बनेगा!
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