दलालों की चपेट में फंसे 17 युवक: पाकिस्तान बॉर्डर पर पहुंचने से पहले लौटे घर
सरायकेला और पश्चिम बंगाल के 17 बेरोजगार युवकों को दलालों ने पाकिस्तान बॉर्डर पर पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी सूझबूझ से वे सुरक्षित घर लौट आए। जानें पूरी घटना की जानकारी।
सरायकेला, 9 सितंबर 2024: रोजगार की तलाश में कुछ युवा दलालों के चक्कर में फंसकर अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं। सरायकेला जिले के कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र के इचाडीह पंचायत के एदल गांव के 5 युवक और पश्चिम बंगाल के 6 युवक दलालों के झांसे में आकर सूरत में रोजगार देने का प्रलोभन लेकर पाकिस्तान बॉर्डर तक पहुंच गए थे। हालांकि, उनकी सूझबूझ की वजह से सभी युवक सुरक्षित घर लौट आए हैं।
ये घटना 31 अगस्त को हुई जब जमशेदपुर के एक दलाल दीपक ने इन युवकों को रोजगार दिलाने का झांसा दिया। दीपक ने युवकों को सूरत तक पहुंचाया और फिर वहां से उन्हें लगभग 500 किलोमीटर और आगे बढ़ा दिया। युवकों को भुज स्टेशन तक ले जाया गया और फिर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास पहुंचाया गया।
पहले दिन रात के अंधेरे में कुछ युवकों को पाकिस्तान में प्रवेश कराया गया, जबकि बाकी युवकों को अगले दिन जाने की बात कही गई। जब युवकों ने पाकिस्तान जाने का विरोध किया और घर लौटने का निर्णय लिया, तो दलाल ने प्रत्येक युवक से 31,000 रुपये की मांग की। युवकों ने घर से संपर्क किया और लगभग 24,000 रुपये की व्यवस्था की। इसके बाद युवकों ने घर वापसी की कोशिश की।
घर लौटते समय, युवकों को दलाल और उसके साथियों द्वारा मारपीट की गई और उन्हें बंधक बनाने का प्रयास भी किया गया। लेकिन युवकों ने किसी तरह सुरक्षित घर पहुंचने में सफलता पाई।
यह घटना उन बेरोजगार युवकों की पीड़ा को उजागर करती है जो रोजगार के नाम पर दलालों के झांसे में फंस जाते हैं। परिवार वाले अब अपने बच्चों को बाहर भेजने में सतर्कता बरत रहे हैं और इस घटना के बाद उनके मन में डर और चिंता की भावना है। पुलिस और संबंधित विभाग इस मामले की जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।
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