हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने आचार्य रामचन्द्र तिवारी की कृति 'हिंदी का गद्य साहित्य' के 16वें संस्करण का लोकार्पण किया
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने आचार्य रामचन्द्र तिवारी की हिंदी का गद्य साहित्य के 16वें संस्करण का लोकार्पण किया। हिंदी साहित्य जगत में एक नया अध्याय।
शिमला, 3 सितंबर 2025 : हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन के प्रांगण में हिंदी साहित्य के इतिहास की अमूल्य कृति 'हिंदी का गद्य साहित्य' के 16वें संस्करण का लोकार्पण किया। इस साहित्यिक अवसर पर देश के अनेक दिग्गज साहित्यकार और विद्वान भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने इसे केवल आलोचनात्मक ग्रंथ न मानते हुए इसे हिंदी गद्य का महासागर बताया। इस पुस्तक में भारतेन्दु हरिश्चंद्र से लेकर फणीश्वर नाथ रेणु तक के गद्य साहित्य की समस्त धारा का समावेश है। उन्होंने आचार्य रामचन्द्र तिवारी को आलोचना के आचार्य तथा हिंदी गद्य के महामनीषी के रूप में नमन किया।
कार्यक्रम के प्राणपुरुष डॉ. धर्मव्रत तिवारी ने आयोजन का सफल संचालन किया। डॉ. तिवारी ने कहा कि यह लोकार्पण उनके पिता की जड़ी हुई परंपरा के पुनर्जीवन का प्रयास है, जो हिंदी गद्य साहित्य की समृद्ध विरासत को जीवित रखेगा।
इस अवसर पर प्रो. चित्तरंजन मिश्र और प्रो. हिमांशु चतुर्वेदी जैसे विद्वानों ने आचार्य तिवारी की आलोचनात्मक शैली और उनकी कृति की कालजयी महत्ता पर प्रकाश डाला। सभी विद्वानों ने इस आयोजन को हिंदी साहित्य की एक नई चेतना का पर्व बताया।
अंत में डॉ. धर्मव्रत तिवारी के शब्दों ने उपस्थित सभी को भावुक कर दिया और यह आयोजन हिंदी गद्य साहित्य के विकास में एक महत्वपूर्ण इतिहास के रूप में याद किया जाएगा।
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