Haryana Crime: फरीदाबाद में पिता की करतूत से हिल गया परिवार, मां ने किया बड़ा खुलासा
फरीदाबाद में एक पिता पर अपनी बेटियों के साथ गलत हरकत करने का आरोप। मां की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी को हिरासत में लिया।
हरियाणा के फरीदाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने रिश्तों की मर्यादा और भरोसे को झकझोर कर रख दिया है। एसजीएम नगर थाना क्षेत्र में एक पिता पर अपनी नाबालिग बेटियों के साथ गलत व्यवहार का आरोप लगा है। यह मामला तब सामने आया जब बेटियों की मां ने साहस दिखाकर पुलिस से मदद मांगी।
आरोपी पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पीड़ित बच्चियों की उम्र केवल 13 और 11 साल है।
मां ने दिखाया साहस, बेटियों ने तोड़ी चुप्पी
शिकायतकर्ता मां ने पुलिस को बताया कि वह मजदूरी करती है और घर की आर्थिक स्थिति संभालने में व्यस्त रहती है। पति, जो नशे का आदी है, अक्सर घर पर रहता था।
15 नवंबर को जब वह काम से घर लौटी, तो उसकी बड़ी बेटी ने चुप्पी तोड़ते हुए पिता की हरकतों का खुलासा किया। बड़ी बेटी ने बताया कि पिता ने उसके साथ गलत किया, और यह भी बताया कि कुछ दिन पहले छोटी बहन के साथ भी ऐसा ही हुआ था।
मां ने साहस दिखाते हुए तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी
शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने रविवार रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपनी हरकतें स्वीकार कर लीं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और पुलिस इस पर तेज़ी से काम कर रही है। उन्होंने यह भी अपील की कि समाज को जागरूक होने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है।
हरियाणा में अपराध का बदलता स्वरूप
हरियाणा में बढ़ते घरेलू अपराधों ने एक बार फिर समाज को आत्ममंथन करने पर मजबूर कर दिया है। फरीदाबाद जैसे औद्योगिक शहरों में, जहां लोग बेहतर जीवन की उम्मीद से आते हैं, ऐसी घटनाएं समाज की कड़वी सच्चाई को उजागर करती हैं।
पिछले कुछ वर्षों में घरेलू हिंसा और बच्चों पर अपराधों में वृद्धि देखी गई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर घंटे एक बच्चा किसी न किसी प्रकार के शोषण का शिकार होता है।
परिवार और समाज की जिम्मेदारी
ऐसे मामलों से निपटने के लिए न केवल कानून बल्कि समाज को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। परिवार के भीतर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि:
- संबंधों में संवाद: माता-पिता और बच्चों के बीच खुला संवाद होना चाहिए।
- जागरूकता अभियान: बच्चों को सही और गलत के बीच फर्क समझाने के लिए "गुड टच" और "बैड टच" के बारे में शिक्षित करना चाहिए।
- समुदाय का सहयोग: पड़ोसियों और स्कूलों को सतर्क रहकर किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करनी चाहिए।
- मानसिक स्वास्थ्य सहायता: नशे और हिंसा के शिकार लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
मां की हिम्मत बनी मिसाल
इस मामले में मां ने जिस तरह से अपने बच्चों की रक्षा की, वह एक प्रेरणा है। उसने समाज के डर और धमकियों के बावजूद पुलिस से संपर्क किया और अपनी बेटियों के लिए न्याय की लड़ाई शुरू की।
मां के इस साहस ने साबित कर दिया कि किसी भी परिस्थिति में चुप्पी साधना समस्या का समाधान नहीं है। अपराध को रोकने के लिए आवाज उठाना बेहद जरूरी है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों के साथ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए उन्हें सही समय पर शिक्षित करना और समाज को संवेदनशील बनाना बहुत जरूरी है।
2012 के निर्भया केस के बाद यौन शोषण के मामलों पर कड़ी निगरानी और कानून में सुधार हुआ है, लेकिन घटनाओं को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर बदलाव लाना अब भी बड़ी चुनौती है।
फरीदाबाद की इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर परिवार जैसी संस्था, जो बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाती है, वहां भी वे असुरक्षित क्यों हैं?
समाज को मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ खड़ा होना होगा और बच्चों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण बनाना होगा।
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