दुकानदारों का "बिका हुआ सामान वापस नहीं होगा" नियम अब नहीं चलेगा, गुजरात सरकार का सख्त फैसला

गुजरात सरकार ने उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए नया सर्कुलर जारी किया। अब दुकानदार "बिका हुआ सामान वापस नहीं होगा" नियम का पालन नहीं कर सकते। जानें ग्राहकों के नए अधिकार और शिकायत की प्रक्रिया।

Nov 11, 2024 - 10:08
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दुकानदारों का "बिका हुआ सामान वापस नहीं होगा" नियम अब नहीं चलेगा, गुजरात सरकार का सख्त फैसला
दुकानदारों का "बिका हुआ सामान वापस नहीं होगा" नियम अब नहीं चलेगा, गुजरात सरकार का सख्त फैसला

अक्सर दुकानों पर "बिका हुआ सामान वापस नहीं होगा" लिखा देखा जाता है। यह नियम कई बार ग्राहकों के लिए असुविधा का कारण बनता है। इस समस्या का समाधान करते हुए, गुजरात सरकार ने अब इस नियम को गैर-कानूनी घोषित कर दिया है। रविवार को गुजरात सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर दुकानदारों को निर्देश दिए कि अब ग्राहकों को सामान उसी अवस्था में वापस करने का अधिकार है जैसे उन्होंने इसे खरीदा था।

अहमदाबाद की घटना ने दिलाई इस मुद्दे को तवज्जो

अहमदाबाद के एक शोरूम से एक महिला ने अपने पति के लिए 16 हजार रुपये की घड़ी खरीदी। लेकिन उसके पति की कलाई में घड़ी की बेल्ट छोटी पड़ी। जब महिला ने घड़ी वापस करने की कोशिश की, तो शोरूम के मालिक ने "बिका हुआ सामान वापस नहीं लिया जाएगा" की पॉलिसी का हवाला देकर उसे लौटा दिया। इस घटना के बाद महिला ने उपभोक्ता संरक्षण में शिकायत दर्ज कराई, जिससे यह मुद्दा सरकार के सामने आया।

गुजरात सरकार का नया सर्कुलर

गुजरात सरकार ने इस मामले में कड़ा कदम उठाते हुए सभी दुकानदारों को निर्देश दिए हैं कि वे ग्राहकों से खरीदे गए सामान को वापस लेने से इनकार नहीं कर सकते। यदि दुकानदार ऐसा करने से मना करते हैं, तो ग्राहक उनके खिलाफ उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। दोषी पाए जाने पर दुकानदारों पर जुर्माना और सजा का प्रावधान भी रखा गया है। यह कदम उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत ग्राहकों को मिले अधिकारों को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।

क्या हैं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत अधिकार?

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अंतर्गत ग्राहकों को निम्नलिखित अधिकार दिए गए हैं:

  1. दोषपूर्ण सामान की वापसी का अधिकार: यदि खरीदा गया सामान दोषपूर्ण है, तो ग्राहक को उसे बदलवाने का अधिकार है।
  2. मूल्य वापसी का अधिकार: यदि ग्राहक खरीदे गए सामान से संतुष्ट नहीं है, तो उसे अपनी राशि वापसी का अधिकार है।
  3. मुआवजा का दावा: अगर खरीदे गए सामान से ग्राहक को कोई नुकसान होता है, तो ग्राहक मुआवजे का दावा कर सकता है।

कहां करें शिकायत?

यदि दुकानदार ग्राहक की शिकायत को मानने से इनकार करता है, तो ग्राहक निम्नलिखित जगहों पर शिकायत दर्ज करा सकता है:

  1. जिला उपभोक्ता फोरम: जिला स्तर पर शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं।
  2. राज्य उपभोक्ता आयोग: राज्य स्तर पर मामलों की सुनवाई के लिए राज्य आयोग हैं।
  3. राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग: राष्ट्रीय स्तर पर ग्राहकों की बड़ी शिकायतों को निपटाने के लिए आयोग है।
  4. ऑनलाइन शिकायत: उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज की जा सकती है।

इसके अतिरिक्त, ग्राहक राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4000 पर भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह हेल्पलाइन ग्राहकों को उनके अधिकारों के प्रति जानकारी देने और सहायता प्रदान करने का कार्य करती है।

इस फैसले का महत्व

गुजरात सरकार का यह कदम ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा और सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे ग्राहकों को अपने खरीदारी में ज्यादा आत्मविश्वास मिलेगा, और दुकानदार ग्राहकों के साथ मनमानी नहीं कर पाएंगे। ग्राहक अब बेझिझक अपनी जरूरतों के अनुसार सामान वापस कर सकते हैं और अपने पैसे का सही उपयोग कर सकते हैं।

इस सर्कुलर के लागू होने से अन्य राज्यों में भी उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए इस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं।

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