Gorakhpur Attack: BJP विधायक ने बिजली विभाग पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, मचा हड़कंप
गोरखपुर के BJP विधायक सरवन निषाद ने बिजली विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। जानें कैसे किसानों के अधिकार छीनकर अवैध कनेक्शन से अधिकारियों ने की मोटी कमाई।
गोरखपुर में चौरीचौरा के BJP विधायक सरवन निषाद ने अपनी ही सरकार के बिजली विभाग के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। भ्रष्टाचार और किसानों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर विधायक का यह हमला बिजली विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करता है।
"किसानों का हक छीनकर भरी जा रही जेबें"
BJP विधायक सरवन निषाद ने बिजली विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे किसानों को कनेक्शन देने में लापरवाही कर रहे हैं और इसके बदले अवैध कनेक्शन देकर मोटी कमाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ गरीब किसानों के साथ धोखा नहीं, बल्कि सरकार की योजनाओं का मजाक है।"
कैसे हुआ यह खुलासा?
विधायक ने बिजली विभाग के चेयरमैन को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की शिकायत की और मांग की कि इस भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि ये अधिकारी जानबूझकर किसानों को परेशान कर रहे हैं और सरकार की योजनाओं को फेल करने की साजिश रच रहे हैं।
"सरकार के खिलाफ साजिश का हिस्सा हैं ये अधिकारी"
सरवन निषाद ने सीधे तौर पर कहा कि बिजली विभाग के ये भ्रष्ट अधिकारी सरकार की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है, "जब किसानों को बिजली जैसी बुनियादी सुविधा के लिए संघर्ष करना पड़ता है, तो यह सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करता है।"
पहले भी हुई थी शिकायत, लेकिन नतीजा शून्य
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के आरोप लगे हैं। विधायक ने खुलासा किया कि इससे पहले भी इस अधिकारी के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई थीं, लेकिन हर बार मामले को दबा दिया गया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "आखिर कौन है जो इन अधिकारियों को बचा रहा है?"
"भ्रष्टाचार की सच्चाई या सफाई?"
जब इस मामले पर अधिशासी अभियंता (XEN) हर्षराज रस्तोगी से पूछा गया, तो उन्होंने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि बिना दस्तावेजों के कनेक्शन देना संभव नहीं है। हालांकि, विधायक ने इसे झूठा और भ्रामक करार दिया। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है, जबकि अवैध कनेक्शन खुलेआम बेचे जा रहे हैं।
इतिहास में बिजली विभाग और भ्रष्टाचार
बिजली विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप कोई नई बात नहीं है। यूपी में कई बार बिजली कनेक्शन देने की प्रक्रिया में घोटालों का खुलासा हुआ है। इतिहास गवाह है कि इन मामलों में जांच की प्रक्रिया अक्सर धीमी रही है और नतीजों पर सवाल उठते रहे हैं।
किसानों का संघर्ष और न्याय की मांग
स्थानीय किसानों का कहना है कि उन्हें महीनों इंतजार करने के बाद भी बिजली कनेक्शन नहीं मिलता, जबकि अवैध कनेक्शन के लिए पैसे लेने में विभाग कोई देरी नहीं करता। सरवन निषाद ने चेतावनी दी है, "अगर इस बार किसानों को न्याय नहीं मिला, तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।"
सरकार के लिए बड़ी चुनौती
यह मामला सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। सरवन निषाद का यह आरोप न केवल बिजली विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, बल्कि सरकार की साख पर भी आंच डालता है।
गोरखपुर में यह मामला सिर्फ एक विधायक और बिजली विभाग के बीच का विवाद नहीं, बल्कि किसानों के अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक है। यह देखना बाकी है कि क्या सरकार अपने विधायक की आवाज सुनेगी और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी, या यह लड़ाई भी कागजों तक सिमटकर रह जाएगी।
इस घटना ने न केवल बिजली विभाग की खामियों को उजागर किया है, बल्कि प्रशासन और सरकार को यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या उनकी योजनाएं सही तरीके से लागू हो रही हैं। वक्त की मांग है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में किसानों को उनके अधिकारों के लिए संघर्ष न करना पड़े।v
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