Giridih Shocking Case: भाई ही निकला मासूम बच्ची का कातिल, हत्या के बाद शव को खेत में फेंका!
गिरिडीह में मासूम बच्ची की हत्या का मामला, भाई रिजवान उल्लाह गिरफ्तार, जानें पूरी कहानी।
गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले में बीते दिनों एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक नाबालिग बच्ची सायरा परवीन उर्फ खुशी की हत्या कर दी गई। यह घटना गावां थाना क्षेत्र के पिहरा पूर्वी पंचायत स्थित घाघरा में हुई, जहां चार वर्षीय खुशी का शव अरहर के खेत से बरामद किया गया था। पुलिस ने इस मामले में मासूम बच्ची के चचेरे भाई रिजवान उल्लाह (19 वर्ष) को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
घटना का खुलासा: भाई पर हुआ शक
पुलिस की प्रारंभिक जांच में मृतक के पिता साजिद सरवर ने गावां थाना में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया गया था। जांच के दौरान, पुलिस को कई संदिग्धों से पूछताछ के बाद यह पता चला कि हत्यारा बच्ची का चचेरा भाई था, जो रिजवान उल्लाह था।
महिलाओं का हंगामा: आरोपी की गिरफ्तारी की मांग
बच्ची का शव मिलने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस की धीमी कार्रवाई पर नाराजगी जताई। शनिवार की सुबह जब पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती दिखी, तो महिलाओं का धैर्य टूट गया, और वे संदिग्ध आरोपी के घर के पास हंगामा करने लगीं। इस दौरान, पुलिस वाहन को घेरने के साथ-साथ आरोपी की गिरफ्तारी की मांग जोर-शोर से की गई।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आरोपी को वाहन तक लाने में भारी मशक्कत की। भीड़ ने हत्यारे को ग्रामीणों के बीच सौंपने की मांग की थी, और उस पर दंड देने की मांग की जा रही थी। पुलिस एक घंटे तक भीड़ को समझाने का प्रयास करती रही, फिर सख्ती दिखाते हुए आरोपी को बुर्का पहनाकर सुरक्षित तरीके से थाने ले आई।
गावां थाना गेट पर उग्र प्रदर्शन
इसके बाद, उग्र लोग बच्ची की फोटो लेकर गावां थाना गेट पर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। वे हत्यारे को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए, पूर्व जिप सदस्य इमरान अंसारी और कांग्रेस नेता मरगूब आलम की मदद से भीड़ को शांत कराया। अंत में, पुलिस ने हत्यारे को गिरफ्तार करने के बाद लोगों को शांत कराया और उन्हें कार्रवाई करने का समय दिया।
एसडीपीओ का बयान: जांच जारी
खोरीमहुआ एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि एसआईटी टीम की जांच में रिजवान उल्लाह ने अपनी जुर्म की बात स्वीकार की है। पुलिस ने अब तक मामले में अन्य गवाहों के बयान भी लिए हैं और जांच जारी रखी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मामले में किसी और का हाथ पाया जाता है, तो उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा।
आखिरकार, घटना का असर और समाज में सुरक्षा पर सवाल
यह घटना एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करती है कि क्या बच्चों की सुरक्षा के मामले में समाज और परिवार को और जागरूक होने की आवश्यकता है? क्या गांवों और छोटे कस्बों में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है? यह घटना स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाती है, कि इस तरह की घटनाओं को सुरक्षा और जांच में सुधार की जरूरत है ताकि आगे से ऐसी घटनाएं न हों।
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