Galudih Training: इनपुट डीलरों के बीच प्रमाणपत्र वितरण, किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
गालूडीह के कृषि विज्ञान केंद्र में 19 इनपुट डीलरों को प्रमाणपत्र वितरित। जानें, कैसे यह प्रशिक्षण किसानों के फसल प्रबंधन और मिट्टी की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा।
गालूडीह: झारखंड के गालूडीह थाना क्षेत्र स्थित दारिसाई कृषि विज्ञान केंद्र में बुधवार को एक खास कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर 19 इनपुट डीलरों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए, जिन्होंने अगस्त में 15 दिवसीय प्रशिक्षण पूरा किया था। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के सह निदेशक डॉ. एन सलाम उपस्थित थे।
इनपुट डीलर प्रशिक्षण: किसानों की उन्नति का आधार
यह प्रशिक्षण किसानों को उन्नत खेती और सही तकनीक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। केंद्र के कृषि वैज्ञानिक गोन्द्रा मार्डी ने बताया कि इनपुट डीलरों को बीज, खाद, कीटनाशक, रोग नाशक, मिट्टी जांच और फसल प्रबंधन जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य था कि इनपुट डीलर, जो सीधे किसानों से जुड़े होते हैं, सही जानकारी प्रदान करें। इससे किसानों को खेती के लिए सही समय पर सही उत्पाद मिल सकेंगे, जिससे उनकी फसल की गुणवत्ता और मिट्टी की उर्वरता दोनों में सुधार होगा।
प्रशिक्षण का महत्व: एक ऐतिहासिक दृष्टि
कृषि हमेशा से भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है। हालांकि, पारंपरिक खेती के तरीकों और आधुनिक आवश्यकताओं के बीच तालमेल बिठाने में किसानों को अक्सर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इनपुट डीलरों को प्रशिक्षित करना एक ऐतिहासिक कदम है, जो किसानों की जानकारी और संसाधनों की कमी को दूर कर सकता है।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियां
कार्यक्रम में उपस्थित डॉ. एन सलाम ने इनपुट डीलरों को संबोधित करते हुए कहा,
"आप किसानों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं। आपके प्रशिक्षण से किसानों को बेहतर फसल उत्पादन में मदद मिलेगी।"
इसके अलावा, डॉ. लिली मैक्सिमा किस्पोट्टा और अन्य कृषि विशेषज्ञ भी इस मौके पर मौजूद थे।
कैसे मिलेगा किसानों को लाभ?
- मिट्टी की जांच और फसल प्रबंधन: इनपुट डीलरों को मिट्टी की गुणवत्ता जांचने और फसल की स्थिति के अनुसार खाद और कीटनाशक के उपयोग की जानकारी दी गई।
- सही समय पर सलाह: प्रशिक्षित डीलर किसानों को सही समय पर खाद, बीज और रोगनाशक के उपयोग की सलाह देंगे।
- मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार: अनियंत्रित कीटनाशक और खाद उपयोग के कारण मिट्टी की उर्वरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह प्रशिक्षण इस समस्या को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
कृषि वैज्ञानिकों की राय
कृषि वैज्ञानिक गोन्द्रा मार्डी ने कहा,
"इस प्रशिक्षण का मकसद किसानों तक सही जानकारी पहुंचाना है। अगर डीलरों की जानकारी सही रहेगी तो किसानों की खेती में बड़ा सुधार होगा।"
क्या कहते हैं इनपुट डीलर?
प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल एक डीलर ने बताया,
"यह प्रशिक्षण हमारे लिए बहुत उपयोगी रहा। हमें यह समझ आया कि सही जानकारी देकर हम किसानों की मदद कर सकते हैं और उनकी मेहनत को अधिक लाभकारी बना सकते हैं।"
आगे का रास्ता
इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल किसानों की मदद करेंगे, बल्कि झारखंड के कृषि परिदृश्य में भी बदलाव लाएंगे। किसानों को सही समय पर सही संसाधन उपलब्ध कराना उनकी आय और उत्पादकता बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है।
क्या झारखंड के अन्य जिलों में भी ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए? क्या इनपुट डीलरों की भूमिका किसानों के लिए और अधिक प्रभावशाली हो सकती है? अपनी राय कमेंट में साझा करें।
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