जमशेदपुर में चुनाव के लिए नई पहल: वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को डाककर्मियों की छुट्टी रद्द, पहचान पत्र वितरण तेज

जमशेदपुर में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में जिला प्रशासन ने रविवार को डाककर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी है। मतदान पहचान पत्र वितरण को लेकर विशेष अभियान शुरू किया गया है। अब 12 प्रकार के दस्तावेजों से भी मतदान संभव।

Nov 6, 2024 - 16:01
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जमशेदपुर में चुनाव के लिए नई पहल: वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को डाककर्मियों की छुट्टी रद्द, पहचान पत्र वितरण तेज
जमशेदपुर में चुनाव के लिए नई पहल: वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को डाककर्मियों की छुट्टी रद्द, पहचान पत्र वितरण तेज

जमशेदपुर, 6 नवंबर – जमशेदपुर में विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र प्रशासन द्वारा मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं। रविवार को शहर के सभी डाककर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई, ताकि मतदाताओं को उनके पहचान पत्र शीघ्र पहुंचाए जा सकें। चुनाव आयोग के निर्देश पर जिले के डाकघरों को यह विशेष जिम्मेदारी दी गई है, जिससे मतदान के दिन अधिक से अधिक लोग अपने पहचान पत्र के साथ मतदान कर सकें।

वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास

जिला प्रशासन ने इस बार चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई अभियान चलाए हैं। डाकघरों में रविवार की छुट्टी रद्द करना इनमें से एक है, जिससे छुट्टी के दिन भी लोग अपने मतदाता पहचान पत्र प्राप्त कर सकें। डाकघरों में कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी पेंडिंग मतदाता पहचान पत्रों का वितरण सुनिश्चित करें। इस फैसले का उद्देश्य उन मतदाताओं तक पहचान पत्र पहुँचाना है जो अब तक इसे प्राप्त नहीं कर सके थे।

मतदान के लिए पहचान पत्र जरूरी नहीं

हालांकि, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि अब मतदान के लिए केवल मतदाता पहचान पत्र ही अनिवार्य नहीं है। इसके बजाय 12 प्रकार के वैकल्पिक दस्तावेजों को भी मान्यता दी गई है। इनमें आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक पासबुक, पेंशन दस्तावेज़, सरकारी कर्मचारी का पहचान पत्र, और विधायक या सांसद का पहचान पत्र शामिल हैं। यह व्यवस्था उन मतदाताओं की सुविधा के लिए है, जिनके पास मतदाता पहचान पत्र नहीं है, लेकिन वे अपने मताधिकार का उपयोग करना चाहते हैं।

अभियान का उद्देश्य

मतदान प्रतिशत बढ़ाने के इस अभियान का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोग चुनाव में भाग लें। पिछले कुछ वर्षों में कम मतदान प्रतिशत को देखते हुए प्रशासन इस बार विशेष प्रयास कर रहा है। चुनाव आयोग के अनुसार, हर व्यक्ति का वोट बहुमूल्य है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

वोटर जागरूकता अभियान

इस बार वोटर जागरूकता अभियान भी जोरों पर है। जगह-जगह होर्डिंग्स लगाए गए हैं, जिनमें मतदाताओं को मतदान के महत्व के बारे में बताया जा रहा है। इसके अलावा, स्कूली छात्रों को भी मतदान जागरूकता अभियान में शामिल किया गया है। विभिन्न एनजीओ और सामाजिक संगठनों ने भी इस पहल में अपना योगदान दिया है। स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि लोग चुनाव के दिन अपने मतदान केंद्र पर पहुँचें और मतदान करें।

विशेष व्यवस्थाएं

प्रशासन ने यह भी घोषणा की है कि इस बार चुनाव के दिन परिवहन सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी ताकि सभी मतदाता अपने मतदान केंद्र तक आसानी से पहुँच सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले मतदाताओं को बसों और विशेष वाहनों के माध्यम से मतदान केंद्रों तक पहुँचाने का इंतज़ाम किया जाएगा।

मतदान के प्रति उत्साह

चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार मतदान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने भी मतदान में भाग लेने की अपील की है। जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत को बढ़ावा देने के लिए नुक्कड़ नाटक, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं और रैली जैसे आयोजन किए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

जमशेदपुर में चुनावी माहौल इस बार पहले से काफी सक्रिय दिख रहा है। प्रशासनिक स्तर पर मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए की जा रही यह पहल लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम कर रही है। अब देखना होगा कि ये प्रयास कितने सफल होते हैं और चुनाव के दिन अधिक से अधिक लोग अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हैं।


इस प्रकार, जमशेदपुर में इस बार के विधानसभा चुनाव में प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास किया है कि कोई भी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे।

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