जमशेदपुर में भूकंप के झटके से दहशत, सरायकेला-खरसावां बना केंद्र, जानें क्या रही तीव्रता!
जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में सुबह 9:23 बजे आए 4.3 तीव्रता के भूकंप ने लोगों में दहशत फैला दी। जानें भूकंप के केंद्र और इतिहास से जुड़ी अहम जानकारी।
जमशेदपुर (2 नवंबर 2024): आज सुबह जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में लोगों ने धरती के अचानक हिलने का अनुभव किया, जिसने कई लोगों को घबराहट में घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। भूकंप का झटका सुबह 9:23 से 9:24 बजे के बीच महसूस किया गया, और इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई। भूकंप का केंद्र जमशेदपुर से कुछ किलोमीटर दूर सरायकेला-खरसावां जिले में स्थित था, जो इस क्षेत्र के लिए जोखिमपूर्ण भूगर्भीय गतिविधियों का संकेत देता है।
जमशेदपुर और इसके आसपास के क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से संवेदनशील रहे हैं। झारखंड के इस क्षेत्र में भूकंपीय हलचलें समय-समय पर महसूस की जाती रही हैं। भले ही झारखंड में अक्सर भूकंप के बड़े झटके न आए हों, लेकिन छोटे-छोटे झटकों का अनुभव यहां होता रहा है, खासकर सरायकेला-खरसावां जैसे क्षेत्र में। यह इलाका ‘फ़ॉल्ट लाइन’ के करीब स्थित है, जिससे यह भूकंपीय गतिविधियों के प्रति संवेदनशील बन जाता है।
इस झटके ने लोगों में एक बार फिर 1934 के भीषण बिहार-नेपाल भूकंप की यादें ताजा कर दीं, जिसने भारत के पूर्वी हिस्सों को प्रभावित किया था और जमशेदपुर भी उससे अछूता नहीं रहा था। विशेषज्ञ मानते हैं कि जमशेदपुर जैसे शहरों को अपने आधारभूत ढांचे में सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि झारखंड की भूगर्भीय संरचना में बदलाव भविष्य में अधिक तीव्र भूकंपों का कारण बन सकता है।
भूकंप की खबर फैलते ही लोग एक बार फिर जागरूक हो गए हैं कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयारी कैसे की जाए। सरकारी विभागों से लेकर स्थानीय एनजीओ और जनप्रतिनिधियों तक सभी लोगों को जागरूक करने में जुट गए हैं कि भविष्य में ऐसे झटकों से कैसे सुरक्षित रहा जा सकता है।
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