दुर्ग। शनिवार की रात धमधा रोड पर एक दिल दहला देने वाले हादसे में दो दोस्तों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। चार दोस्तों से भरी तेज रफ्तार कार, जो दुर्ग से धमधा की ओर जा रही थी, मेडसरा गांव के पास अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पेड़ से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार में आग लग गई और वह जलकर खाक हो गई।
कैसे हुआ हादसा?
शनिवार रात करीब 11:30 बजे चार दोस्तों की कार (सीजी 07 बीके 7387) धमधा रोड पर मेडसरा गांव के पास पावर ग्रिड के समीप पहुंची। बताया जा रहा है कि कार की रफ्तार बेहद तेज थी। अचानक कार अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे एक पेड़ से जा टकराई।
टक्कर के तुरंत बाद कार से धुआं निकलने लगा। आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को कार से बाहर निकाला। लेकिन तब तक आग ने कार को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में कार बुरी तरह जल गई और पेड़ भी आग की लपटों में आ गया।
कौन थे पीड़ित?
इस हादसे में जान गंवाने वाले दो दोस्तों की पहचान अमित ताम्रकार (30), निवासी तमेरपारा दुर्ग, और आदित्य कसेर (33), निवासी वार्ड-13 धमधा, के रूप में हुई है। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
कार की पिछली सीट पर बैठे अनीश ताम्रकार और सुधांशु ताम्रकार गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को श्री शंकराचार्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
घटनास्थल पर हड़कंप
हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने तुरंत डायल 112 पर सूचना दी। पुलिस और बचाव दल ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि टक्कर के तुरंत बाद धुएं और आग ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। पेड़ भी पूरी तरह जल चुका था।
हादसे का इतिहास: क्या रफ्तार बनी जानलेवा?
यह कोई पहली बार नहीं है जब धमधा रोड पर रफ्तार ने जानें ली हैं। यह इलाका लंबे समय से तेज रफ्तार वाहनों के लिए कुख्यात रहा है। सड़क पर स्पीड ब्रेकर की कमी और रात के समय वाहनों की लापरवाह ड्राइविंग से अक्सर हादसे होते रहते हैं।
2018 में इसी सड़क पर हुए एक हादसे में तीन लोगों की जान चली गई थी। पुलिस और प्रशासन द्वारा समय-समय पर सतर्कता बढ़ाने की बातें की गईं, लेकिन इनका असर जमीनी स्तर पर कम ही दिखता है।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
नंदिनी थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हादसे की वजह तेज रफ्तार मानी जा रही है, लेकिन पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या कार के ब्रेक फेल हुए थे या ड्राइवर ने शराब का सेवन किया था।
पुलिस ने बताया कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। साथ ही, घायलों के ठीक होने के बाद उनसे भी पूछताछ की जाएगी ताकि हादसे की सही वजह का पता लगाया जा सके।
ग्रामीणों की मांग: रफ्तार पर लगे लगाम
हादसे के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि सड़क पर स्पीड ब्रेकर और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं ताकि ऐसे हादसे रोके जा सकें।
ग्रामीणों में से एक ने कहा, "यह हादसा प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। अगर सड़क पर स्पीड ब्रेकर होते, तो यह हादसा टल सकता था।"
क्या सीखना चाहिए?
धमधा रोड जैसे व्यस्त रास्तों पर वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वह ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करवाएं। साथ ही, ड्राइवरों को भी यह समझना होगा कि तेज रफ्तार केवल एक पल की लापरवाही से जानलेवा साबित हो सकती है।
दुर्ग में हुआ यह दर्दनाक हादसा एक बार फिर रफ्तार की कीमत याद दिलाता है। प्रशासन को अब सतर्क होकर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।