डॉ. उमेश कुमार ने भरा नामांकन: जमशेदपुर की समस्याओं पर किया फोकस, 'राइट टू एजुकेशन' और 'नो माइग्रेशन' की पहल
डॉ. उमेश कुमार ने जमशेदपुर से नामांकन दाखिल किया और शिक्षा, सफाई, और युवाओं के रोजगार पर जोर दिया। जानिए उनकी प्राथमिकताएं और शहर की प्रमुख समस्याओं के समाधान के लिए उनकी योजनाएं।
जमशेदपुर: जमशेदपुर के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. उमेश कुमार ने आज अपने चुनावी नामांकन दाखिल कर दिया है। उनके एजेंडे में मुख्य रूप से 'राइट टू एजुकेशन' (शिक्षा का अधिकार), जमशेदपुर की सफाई व्यवस्था, और 'नो माइग्रेशन' (कोई पलायन नहीं) नीति को सख्ती से लागू करना शामिल है। डॉ. उमेश ने जमशेदपुर की जनता के सामने अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट करते हुए कहा कि वह जमशेदपुर को कचरे के अंबार से मुक्त कर, यहां के निवासियों के लिए एक बेहतर जीवन सुनिश्चित करना चाहते हैं।
राइट टू एजुकेशन: भूख हड़ताल से लेकर कानून लागू करने तक का सफर
डॉ. उमेश कुमार ने 'राइट टू एजुकेशन' को लागू करवाने के लिए पहले भी भूख हड़ताल की थी, और अब वह इसे चुनावी मुद्दा बना कर जनता के बीच में ला रहे हैं। उनका मानना है कि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए, ताकि राज्य का भविष्य उज्जवल हो सके। उन्होंने कहा, "शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जो किसी भी समाज को प्रगति की दिशा में ले जा सकता है। मेरा मुख्य उद्देश्य झारखंड के हर बच्चे को मुफ्त और बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना है।"
जमशेदपुर की सफाई और कचरा प्रबंधन
जमशेदपुर में कचरे के बढ़ते अंबार की समस्या को लेकर डॉ. उमेश ने अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शहर में कचरे की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण जमशेदपुर की सुंदरता और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। उनका लक्ष्य जमशेदपुर को एक स्वच्छ और हरा-भरा शहर बनाना है। सफाई व्यवस्था को ठीक करने के लिए वह ठोस कचरा प्रबंधन, रिसाइक्लिंग, और लोगों में जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं।
नो माइग्रेशन पॉलिसी: जमशेदपुर में रोजगार के अवसर
डॉ. उमेश ने 'नो माइग्रेशन' (कोई पलायन नहीं) पॉलिसी को लागू करने का वादा किया है। उनका कहना है कि जमशेदपुर और पूरे झारखंड के लोग पलायन करने को मजबूर हैं, क्योंकि उनके पास रोजगार के अवसर नहीं हैं। वह चाहते हैं कि जमशेदपुर के युवाओं और स्थानीय निवासियों को यहीं पर बेहतर रोजगार के अवसर मिले ताकि उन्हें राज्य छोड़ने की जरूरत न पड़े। इसके लिए वह औद्योगिक विकास, स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने और स्थानीय उद्यमिता को सशक्त बनाने की योजना बना रहे हैं।
युवाओं और महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार
डॉ. उमेश कुमार ने युवाओं और महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार को भी अपनी प्राथमिकताओं में रखा है। उनका कहना है कि जमशेदपुर में महिला सुरक्षा की स्थिति को सुधारने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। महिलाओं के लिए आत्मरक्षा कार्यक्रम, सुरक्षित पब्लिक ट्रांसपोर्ट और कार्यस्थलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में वह ठोस योजनाएं लागू करना चाहते हैं।
युवाओं के लिए, वह नई नौकरी के अवसर सृजित करने पर जोर देंगे, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सके और उनकी पलायन की जरूरत खत्म हो। उनके अनुसार, युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण देकर रोजगार के काबिल बनाना और शहर में नए उद्योग स्थापित कर रोजगार के अवसर बढ़ाना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार
जमशेदपुर में उच्च शिक्षा के सीमित संसाधनों की समस्या को दूर करने के लिए, डॉ. उमेश उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या बढ़ाने और स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देने की दिशा में काम करने का वादा करते हैं। उनका मानना है कि राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। वह उच्च शिक्षा के लिए नए कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोलने के साथ-साथ वर्चुअल लर्निंग और स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान देंगे।
झारखंड के सभी नागरिकों का सम्मान और सुरक्षा
डॉ. उमेश कुमार ने कहा कि झारखंड के सभी नागरिकों को सम्मान और सुरक्षा के साथ जीने का हक मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि राज्य के सभी नागरिकों को एक समान अवसर मिलें, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग से हों। उनका विजन है कि झारखंड का हर नागरिक गर्व और सुरक्षा के साथ यहां रह सके।
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