भुइयांडीह की तीन बस्तियों के 150 घरों को तोड़ने के आदेश पर आप प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मुलाकात की, नोटिस वापस लेने की मांग
जमशेदपुर के भुइयांडीह की तीन बस्तियों के 150 घरों को तोड़ने के आदेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मुलाकात कर नोटिस वापस लेने की मांग की है।
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जमशेदपुर के भुइयांडीह स्थित कल्याणनगर, इंदिरानगर और छायानगर समेत आसपास के इलाके के करीब 150 घरों को तोड़ने का नोटिस दिया गया है। ये आदेश झारखंड पब्लिक लैंड इंक्रोचमेंट एक्ट (जेपीएलइ) के तहत जमशेदपुर के सीओ ऑफिस द्वारा जारी किया गया है। जिन घरों को तोड़ने का आदेश मिला है, वे सभी नदी के किनारे बसे हुए हैं।
इस संदर्भ में, बस्तिवासियों के साथ मिलकर जमशेदपुर महानगर के आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को उपायुक्त कार्यालय पहुंचा और घरों को नहीं तोड़ने की मांग की। आप प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मिलकर यह स्पष्ट किया कि इन घरों में कई परिवार वर्षों से रह रहे हैं और उन्हें हटाना उनके लिए बहुत बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है।
आम आदमी पार्टी ने यह भी तर्क दिया कि इन परिवारों के पास कोई अन्य स्थान नहीं है जहां वे जा सकें। उन्होंने मांग की कि सरकार को पहले इन लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए और फिर किसी भी तरह की कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ने कहा, "हम चाहते हैं कि प्रशासन इस नोटिस को वापस ले और इन परिवारों के लिए एक स्थायी समाधान ढूंढ़े। हमें उम्मीद है कि प्रशासन हमारी मांगों पर विचार करेगा और इन गरीब परिवारों को राहत प्रदान करेगा।"
बस्तिवासियों ने भी उपायुक्त से गुहार लगाई कि उनके घरों को न तोड़ा जाए। उन्होंने बताया कि वे यहां लंबे समय से रह रहे हैं और उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं है।
उपायुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेंगे और जल्द ही इस पर एक उचित निर्णय लेंगे। बस्तिवासियों को आशा है कि प्रशासन उनके पक्ष में निर्णय लेगा और उन्हें उनके घरों से बेदखल नहीं किया जाएगा।
आम आदमी पार्टी के इस कदम से बस्तिवासियों में उम्मीद जगी है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और उनके घरों को बचाया जा सकेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।
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