Dhanbad Extortion: सिंफर के पूर्व डायरेक्टर पर 75 लाख की रंगदारी का दबाव, जाली दस्तावेज बनाने का आरोप
धनबाद में सिंफर के पूर्व निदेशक अमलेंदु सिन्हा पर 75 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और जाली दस्तावेज बनाने का आरोप। पुलिस ने 6 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

धनबाद में एक बड़ा भूमि घोटाला सामने आया है, जहां सिंफर (SAIL इंस्टीट्यूट ऑफ मिनरल एंड मैटेरियल टेक्नोलॉजी) के पूर्व निदेशक अमलेंदु सिन्हा की पुश्तैनी जमीन पर कब्जा करने और 75 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है। मंगलवार को धनबाद थाना में इस संबंध में 6 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
क्या है पूरा मामला?
अमलेंदु सिन्हा ने पुलिस को बताया कि उनका परिवार पिछले 70 साल से पुलिस लाइन स्थित डीजीएमएस कॉलोनी में रह रहा है। घर जर्जर होने के कारण परिवार ने नई बहुमंजिला इमारत बनाने का फैसला किया और स्मृति डेवलपर्स के साथ समझौता किया। जर्जर मकान तोड़े जाने के बाद 31 जुलाई 2023 को सुजीत कुमार, उमेश प्रसाद, संतोष राय समेत 8-10 लोगों ने डेवलपर से 1 लाख रुपये रंगदारी के रूप में वसूले।
बाद में इन लोगों ने मांग को बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दिया। रंगदारी देने से इनकार करने पर आरोपियों ने परिवार और डेवलपर को गोली मारने की धमकी देना शुरू कर दिया।
जाली दस्तावेजों का खेल
मामले में सबसे गंभीर आरोप यह है कि आरोपियों ने जमीन के जाली दस्तावेज तैयार करवाए। इन दस्तावेजों में:
- उमेश प्रसाद राय और संतोष राय को जमीन का मालिक बताया गया
- सुजीत कुमार को पावर ऑफ अटॉर्नी दिया गया
- सर्वेश्वर प्रसाद और तापस सेन को गवाह बनाया गया
इन दस्तावेजों के आधार पर आरोपियों ने अमलेंदु सिन्हा के परिवार को धमकाया कि अगर 75 लाख रुपये नहीं दिए तो निर्माण कार्य रोक दिया जाएगा।
पुलिस की कार्रवाई
धनबाद थाना ने इस मामले में निम्नलिखित आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है:
1. सुजीत कुमार
2. उमेश प्रसाद
3. संतोष राय
4. सर्वेश्वर प्रसाद
5. तापस कुमार
6. राजेश कुमार
सभी आरोपी डीजीएमएस कॉलोनी के निवासी हैं। पुलिस ने IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और तेजी से जांच शुरू कर दी है।
धनबाद में भूमि माफिया का इतिहास
धनबाद लंबे समय से भूमि अतिक्रमण और रंगदारी के मामलों के लिए कुख्यात रहा है। कोयला खदानों और औद्योगिक विकास के कारण यहां जमीनों की कीमत आसमान छूती है, जिसके चलते अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। पिछले पांच वर्षों में धनबाद पुलिस ने ऐसे 50 से अधिक मामलों में कार्रवाई की है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
भूमि कानून के विशेषज्ञ अधिवक्ता राकेश झा बताते हैं, "झारखंड में जाली दस्तावेजों के माध्यम से संपत्ति पर कब्जे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आमतौर पर ऐसे मामलों में IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (सामान्य आशय) लगाई जाती है।"
आगे की कार्रवाई
धनबाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस आरोपियों के खिलाफ जाली दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच भी करवा रही है।
इस मामले ने एक बार फिर धनबाद में संपत्ति संबंधी अपराधों की गंभीरता को उजागर किया है। पुलिस प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वह इस मामले में त्वरित न्याय सुनिश्चित करेगा।
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