Dhanbad. Fire Accident: ठेकेदार के घर में लगी भीषण आग, जान बचाने को भागे परिजन!
धनबाद में ठेकेदार के घर अचानक लगी आग! परिवार ने भागकर बचाई जान, दमकल की टीम ने आधे घंटे में बुझाई आग। जानिए पूरा मामला!

धनबाद के बेकारबांध दुर्गा मंडप के पीछे सोमवार की शाम एक भयावह घटना घटी। ठेकेदार रितेश बहादुर सिंह के घर अचानक आग लग गई, जिससे पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। जैसे ही घर में आग फैली, अंदर मौजूद परिवार के लोग जान बचाने के लिए भाग निकले। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग जुटे और तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी।
दमकल की टीम ने आधा घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया, लेकिन तब तक हजारों रुपये की संपत्ति जलकर खाक हो चुकी थी।
कैसे भड़क उठी आग? जानिए पूरा मामला
ठेकेदार रितेश बहादुर सिंह के अनुसार, शाम के वक्त वह घर से बाहर निकले थे। उनके बच्चे नीचे के कमरे में ट्यूशन पढ़ रहे थे, जबकि पत्नी ऊपर के कमरे में थीं। अचानक उनकी पत्नी ने तेज आवाज में चिल्लाना शुरू कर दिया। आवाज सुनकर जब वे ऊपर पहुंचे, तो देखा कि कमरा धुएं से भर गया है और आग तेजी से फैल रही है।
सूचना मिलते ही आसपास के लोग और पूर्व पार्षद अशोक पाल मौके पर पहुंचे और दमकल विभाग को खबर दी। प्राथमिक जांच में एसी में शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह बताया जा रहा है।
संकरा रास्ता बना मुश्किल, दमकल की गाड़ी अंदर नहीं पहुंच सकी!
दमकल विभाग की टीम एक बड़ी और एक छोटी गाड़ी लेकर घटनास्थल पर पहुंची थी, लेकिन संकरी गली के कारण बड़ी गाड़ी अंदर नहीं जा पाई। इस वजह से छोटी गाड़ी से आग बुझाने का प्रयास किया गया, जबकि बड़ी गाड़ी पीछे से बैकअप देती रही।
इतिहास में ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं!
धनबाद ही नहीं, देशभर में शॉर्ट सर्किट से लगने वाली आग बड़ी दुर्घटनाओं की वजह बनती रही है।
- 2011, कोलकाता: एएमआरआई अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग में 90 से ज्यादा मरीजों की जान चली गई थी।
- 2019, दिल्ली: करोल बाग के एक होटल में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी।
- 2022, झारखंड: बोकारो में एक घर में शॉर्ट सर्किट से आग लगने के कारण 3 लोगों की मौत हो गई थी।
धनबाद भी इन घटनाओं से अछूता नहीं रहा है। इससे पहले भी मार्केट और रिहायशी इलाकों में कई बार शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग चुकी है।
क्या यह हादसा टल सकता था?
आग लगने के पीछे की मुख्य वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह हादसा रोका जा सकता था?
- ओवरलोडिंग से बचें: घरों में एक ही बोर्ड पर कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जोड़ने से शॉर्ट सर्किट का खतरा बढ़ जाता है।
- इलेक्ट्रिक वायरिंग की नियमित जांच: पुराने घरों में वायरिंग खराब होने के कारण भी आग लगने की संभावना रहती है।
- फायर सेफ्टी सिस्टम: ज्यादातर घरों में आग बुझाने के लिए कोई भी सेफ्टी इक्विपमेंट मौजूद नहीं होता, जिससे छोटी आग भी बड़ा हादसा बन जाती है।
आग से बचने के लिए ये सावधानियां बरतें!
- एसी, कूलर और हीटर का नियमित मेंटेनेंस कराएं।
- रात में या घर से बाहर जाते समय सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद करें।
- अगर कोई तार कटा-फटा हो, तो तुरंत उसे बदलवाएं।
- बिजली विभाग से नियमित रूप से घर की वायरिंग की जांच करवाएं।
क्या परिवार सुरक्षित बच पाया?
इस भयावह घटना में ठेकेदार रितेश बहादुर सिंह का पूरा परिवार सुरक्षित बच गया, लेकिन घर का काफी सामान जलकर राख हो गया। परिवार के लोग इस हादसे से अभी तक सदमे में हैं।
प्रशासन से क्या उम्मीदें?
इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
- इलाके में फायर सेफ्टी सिस्टम को मजबूत करने की मांग उठ रही है।
- संकरी गलियों में भी दमकल की व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाओं में समय रहते बचाव हो सके।
क्या यह हादसा चेतावनी है?
धनबाद में यह कोई पहला मामला नहीं है। हाई-टेंशन वायरिंग, ओवरलोडिंग और लापरवाही के कारण अक्सर घरों में आग लग जाती है। इस घटना को एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को टाला जा सके।
आग बुझ गई, पर सवाल बाकी हैं!
इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन यह हादसा एक बड़ा सबक दे गया। यदि फायर ब्रिगेड की टीम सही समय पर नहीं पहुंचती, तो शायद यह हादसा और बड़ा रूप ले सकता था। अब देखने वाली बात यह है कि क्या प्रशासन इससे सबक लेकर भविष्य में बेहतर कदम उठाएगा या नहीं?
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