Dhanbad News: सात लड़कों का प्यार वाला झूठा खेल, लूट और ब्लैकमेलिंग के गिरोह का खुलासा

झारखंड के धनबाद में सात लड़कों का गिरोह लड़कों को प्यार के झांसे में फंसाकर लूटपाट और ब्लैकमेलिंग करता था। पुलिस ने मनीष और उसके साथियों को गिरफ्तार किया। जानें पूरी कहानी।

Dec 24, 2024 - 10:40
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Dhanbad News: सात लड़कों का प्यार वाला झूठा खेल, लूट और ब्लैकमेलिंग के गिरोह का खुलासा
Dhanbad News: सात लड़कों का प्यार वाला झूठा खेल, लूट और ब्लैकमेलिंग के गिरोह का खुलासा

झारखंड के धनबाद में एक दिलचस्प लेकिन खतरनाक मामला सामने आया है, जिसमें सात लड़कों ने मिलकर एक प्यार का झूठा खेल रचा और लड़कों को अपने जाल में फंसा कर उन्हें लूट लिया। इन लड़कों के मुख्य उद्देश्य थे महंगी बाइक और ऐश-मौज के शौक को पूरा करना, जिसके लिए उन्होंने लूट और ब्लैकमेलिंग को अपना हथियार बना लिया था।

कैसे किया गिरोह ने अपना काम?

यह सभी लड़के महंगी बाइक पर घूमने के शौकिन थे और शराब, सिगरेट जैसी चीजों का सेवन उनकी दिनचर्या का हिस्सा था। परिवार से पैसे नहीं मिलने के कारण उन्होंने अनूठा तरीका अपनाया – लड़कियों का रूप धारण करना और लड़कों को प्यार में फंसाना

पुलिस के मुताबिक, मनीष और उसके छह दोस्तों ने एक साजिश रची। उन्होंने वॉट्सऐप पर लड़की के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाई और लड़कों से मिलने का झांसा दिया। फिर एक सुनसान स्थान पर बुलाकर उनकी बाइक, पैसे, गहने छीन लिए और उन्हें ब्लैकमेल कर अश्लील वीडियो भी बनाए।

गिरोह का भंडाफोड़

मनीष कुमार प्रजापति नाम का लड़का ही इस गिरोह का मुख्य सरगना था। पुलिस ने जब उसे दबोचा, तो मनीष ने अपने अन्य साथियों के नाम भी उगले, जिससे पूरा गिरोह बेनकाब हो गया। मनीष 12वीं का छात्र था और उसके साथियों में आकाश यादव, संतोष यादव, अनिकेत रवानी, दीपक रवानी, मोनू मंडल, और चंदन यादव जैसे लोग शामिल थे।

पुलिस ने मनीष की निशानदेही पर लूटी गई बुलेट बाइक और कई अन्य बाइक बरामद की। इन बाइक को गिरोह के सदस्य विभिन्न स्थानों पर बेचते थे। इसके अलावा, एक शराब दुकान संचालक से भी 35 हजार रुपये और बाइक लूटी गई थी।

कैसे काम करता था यह गिरोह?

गिरोह के सदस्य विशेष रूप से कुसुम विहार के एक अपार्टमेंट के पास लड़कों को बुलाते थे और उन्हें लूटपाट का शिकार बनाते थे। उन्होंने लड़कों से मोबाइल फोन के पैटर्न लॉक तोड़कर उनके बैंक खातों से पैसे निकालने की भी योजना बनाई थी।

22 दिसंबर को एक युवक शाहिल अंसारी ने इन लड़कों को देखा और पुलिस को सूचना दी, जिससे पुलिस समय पर पहुंची और मनीष को गिरफ्तार कर लिया। अन्य आरोपी मौके से फरार हो गए, लेकिन पुलिस अब उनकी तलाश कर रही है।

क्या है इस गिरोह का इतिहास?

यह मामला केवल धनबाद तक सीमित नहीं है। ऐसे गिरोहों का अस्तित्व पूरे झारखंड में है। पहले भी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां अपराधियों ने इसी तरह के धोखाधड़ी और लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया। इन गिरोहों में युवाओं को निशाना बनाकर उनकी आर्थिक स्थिति और शारीरिक स्थिति का फायदा उठाया जाता है।

गिरोह में एक लड़की भी शामिल थी?

हालांकि पुलिस को इस गिरोह में एक लड़की का भी पता चला है, जिसका नाम श्रुति बताया जा रहा है, लेकिन उसका नाम एफआईआर में नहीं आया। इस गिरोह में शामिल लड़के और लड़की मिलकर यह पूरी साजिश रचते थे।

पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की योजनाएं

धनबाद पुलिस ने अब इस गिरोह के सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऐसे गिरोहों का पर्दाफाश करना उनकी प्राथमिकता है ताकि युवाओं को इस तरह के धोखाधड़ी से बचाया जा सके।

पुलिस ने अब तक मनीष और उसके साथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है और शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।

यह घटना हमें यह सिखाती है कि धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के ऐसे मामलों में फंसे हुए लोगों को समय पर मदद मिलनी चाहिए और हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए। झारखंड के इस गिरोह ने अपनी शैतानी हरकतों से कई लड़कों की जिंदगी बर्बाद की है। यह खबर हमें यह याद दिलाती है कि किसी भी तरह के फर्जी प्यार के झांसे से बचकर रहना चाहिए।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।