देवघर में तीन मंजिला इमारत गिरी: 10-12 लोग फंसे, राहत कार्य जारी

देवघर में तीन मंजिला इमारत गिरने से बड़ा हादसा हुआ, जिसमें 10-12 लोग मलबे में फंसे। राहत कार्य जारी है। सांसद निशिकांत दुबे और उपायुक्त विशाल सागर की प्रतिक्रिया। पूरी खबर पढ़ें।

Jul 7, 2024 - 10:54
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देवघर में तीन मंजिला इमारत गिरी: 10-12 लोग फंसे, राहत कार्य जारी
देवघर में तीन मंजिला इमारत गिरी: 10-12 लोग फंसे, राहत कार्य जारी

रविवार (7 जुलाई) को देवघर शहर में सुबह-सुबह एक बड़ा हादसा हुआ जब एक तीन मंजिली इमारत ढह गई। यह दुर्घटना सीता होटल के पास घटी, जिससे 10-12 लोग मलबे में फंस गए। अब तक दो लोगों को मलबे से निकाला गया है, जिनमें से एक की मौत हो गई है।

मलबे में फंसे लोग:

  1. सुनील कुमार (38)
  2. सुनील कुमार की पत्नी सोनी देवी
  3. सुनील कुमार का बेटा सत्यम कुमार (12)
  4. एक पुरुष
  5. एक महिला

रेस्क्यू ऑपरेशन:

गिरी हुई इमारत का मलबा हटाने के लिए जेसीबी और मजदूरों को बुलाया गया है। एनडीआरएफ की टीम ने सुबह 8:30 बजे पहला रेस्क्यू किया, जिसमें अनुपमा देवी को बाहर निकाला गया। दूसरा रेस्क्यू 9:35 बजे हुआ, जिसमें अनुपमा के पति मनीष दत्त द्वारी को निकाला गया और उन्हें सदर अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

स्थानीय लोगों द्वारा बचाए गए लोग:

घटना के समय भवन में तीन परिवारों की 3 महिलाएं समेत 9 लोग मौजूद थे। मुहल्ले वालों ने 2 लड़कियों सुभानी कुमारी और पीहू कुमारी को सुरक्षित बाहर निकाला, लेकिन 3 महिलाओं सहित 7 लोग मलबे में फंसे रह गए। इन लोगों में दिनेश वर्णवाल, उनकी पत्नी अनुपमा देवी, सुनील कुमार यादव, उनकी पत्नी सोनी देवी और उनका पुत्र सत्यम कुमार शामिल हैं। एनडीआरएफ की टीम बाकी लोगों को निकालने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

सांसद डॉ निशिकांत दुबे की प्रतिक्रिया:

घटना की सूचना मिलते ही गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि सुबह 6 बजे उन्हें इस हादसे की खबर मिली। उन्होंने प्रशासन की देरी पर नाराजगी जताई और कहा कि 10-12 साल पहले देवघर में एक बड़ी दुर्घटना के बाद एनडीआरएफ की एक स्थायी टीम देवघर में तैनात की गई थी, जिसने रोप-वे हादसे के समय लोगों की जान बचाई थी।

डॉ दुबे ने बताया कि एम्स को भी अलर्ट कर दिया गया है और जिला प्रशासन से कहा गया है कि घायल लोगों को एम्स ले जाया जाए। एम्स के डायरेक्टर ने 5-7 बेड की व्यवस्था कर रखी है।

देवघर के उपायुक्त विशाल सागर की प्रतिक्रिया:

देवघर के उपायुक्त विशाल सागर ने कहा कि सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की टीम को काम पर लगा दिया गया। अब तक दो लोगों को रिकवर किया गया है और प्रोटोकॉल के अनुसार सदर अस्पताल में मेडिकल टीम तैनात कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मलबे के अंदर से आवाजें आ रही हैं और कुछ लोग अभी भी फंसे हुए हैं।

राहत और बचाव कार्य:

रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी एनडीआरएफ की टीम और स्थानीय प्रशासन लगातार मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने के प्रयास कर रहे हैं। राहत कार्य में जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है और मलबा हटाने के लिए मजदूर भी लगे हुए हैं। इस हादसे में अब तक दो लोगों को निकाला गया है, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है।

इमारत गिरने का कारण:

उपायुक्त विशाल सागर ने बताया कि घटनास्थल पर कुछ कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था, जिसके चलते मकान कमजोर हो गया था और यह हादसा हुआ। हालांकि, इमारत गिरने के सटीक कारणों की जांच की जाएगी। प्राथमिकता अभी मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना और उनकी जान बचाना है।

स्थानीय लोगों का सहयोग:

स्थानीय लोगों ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने दो लड़कियों को सुरक्षित बाहर निकाला और रेस्क्यू टीम के आने तक मलबे में फंसे लोगों की मदद की। इस हादसे के बाद से मुहल्ले में दहशत का माहौल है और लोग अपने-अपने घरों से बाहर आकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

सांसद निशिकांत दुबे का बयान:

डॉ निशिकांत दुबे ने बताया कि उन्होंने गृह मंत्री और गृह सचिव से बात की और स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया। जिला प्रशासन को भी तुरंत सूचित किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रशासन की टीम देरी से पहुंची, लेकिन अब राहत कार्य तेजी से जारी है। उन्होंने कहा कि जितने भी लोग नीचे फंसे हैं, सभी सुरक्षित होंगे और एम्स में उनका उचित इलाज किया जाएगा।

आगे की कार्यवाही:

इस घटना के बाद से देवघर प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम सतर्क हो गई है। इमारत गिरने के कारणों की जांच की जा रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। राहत कार्य में जुटे सभी कर्मचारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्द से जल्द मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालें और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।